भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आयकर छापे की जद में आये राजधानी स्थित नर्मदा हाॅस्पिटल एवं ट्राॅमा सेंटर के मालिक डाॅ. राजेश शर्मा की प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान से गहरी निकटता होने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस राजनैतिक/पारिवारिक निकटता का अंदाज इसी बात से लगाया जाता है कि वर्ष 2009 में सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद डाॅ. शर्मा ने मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र रेहटी में न केवल एक बड़ा हाॅस्पिटल खोला, बल्कि वर्ष 2014 में होशंगाबाद में उनके द्वारा खोले गये हाॅस्पिटल का उद्घाटन करने मुख्यमंत्री स्वयं हेलीकाप्टर से वहां पहुंचे थे।
अपने आरोपों को स्पष्ट करते हुए मिश्रा ने कहा कि गत् संपन्न निकाय चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश लेने वाले डाॅ. शर्मा ने होशंगाबाद में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में मुख्यमंत्री द्वारा किये गये पूरे जनसंपर्क में हिस्सा भी लिया था। यह आरोप यहीं नहीं थमता है, मरीजों के लिए स्थापित मुख्यमंत्री सहायता कोष के सर्वाधिक प्रकरण नर्मदा हाॅस्पिटल में ही क्यों भेजे जाते हैं।
दुर्घटनाग्रस्त घायलों के लिए उपयोग में लायी जाने वाली एम्बुलेंस-108 के माध्यम से 70 प्रतिशत घायलों को नर्मदा हाॅस्पिटल ही क्यों ले जाया जाता है? प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आर. परशुराम की पत्नी श्रीमती लीना परशुराम को जब तक उनके पति मुख्य सचिव पद पर काबिज थे, नर्मदा हाॅस्पिटल प्रबंधन द्वारा चैक से भुगतान कर उपकृत क्यों और किसलिए किया जाता रहा, खोज का विषय है?
मिश्रा ने यह भी कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कर रहे हैं, किंतु राजधानी के बेशकीमती इलाके में संचालित इस अस्पताल की पार्किंग कहां है? इस पर सरकार और उसमें काबिज नौकरशाहों ने अब तक ध्यान क्यों नहीं दिया? वर्ष 2009 तक एक सरकारी मुलाजिम के रूप में कार्यरत एक साधारण डाॅक्टर महज साढ़े पांच वर्षों में ही सौ करोड़ रूपयों की अकूत संपत्ति का मालिक कैसे बन गया, और उसे किसका राजनैतिक संरक्षण प्राप्त था, इन महत्वपूर्ण तथ्यों को जांच में शामिल किया जाये।
