जबलपुर। अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए पुलिस किसी भी हद तक जा सकती है। लूट की घटना के शिकार एक बुजुर्ग दंपति के साथ गढ़ा पुलिस ने कुछ ऐसा ही किया। पुलिस ने दंपति को लुटेरों का खौफ दिखाकर चुप रहने को कहा, साथ ही मीडिया में कुछ भी बताने को मना किया। यह दंपति इतना डर गई कि पिछले तीन दिनों से उसने खुद को घर में कैद कर रखा है। दहशत कुछ ऐसी है कि वह सब्जी, दूध, पेपर और जरूरी सामान के साथ ही अपने परिचितों तक के लिए घर के दरवाजे नहीं खोल रहे।
पड़ोसियों को हुआ संदेह
तीन दिन से घर के दरवाजे नहीं खुलने के कारण मोहल्ले वालों को संदेह हुआ जिसके बाद लोगों ने पीड़ित दंपति की पूना में रहने वाली दो बेटियों को खबर दी। इसके बाद बुधवार की सुबह कुछ रिश्तेदार घबराहट में उनके घर पहुंचे और फिर सच्चाई सामने आई।
5 जुलाई को हुई थी लूट
शक्ति नगर जैन मंदिर के समीप रहने वाले केके खरे (60 वर्ष) ने बताया कि 5 जुलाई की शाम 6.30 बजे वे अपनी पत्नी सीमा खरे के साथ आमनपुर स्थित रिलायंस फ्रेश में सामान खरीदने गए थे। जहां से लौटते वक्त कमला गुप्ता अस्पताल के सामने बाइक लुटेरे सीमा खरे के गले से सोने की चेन खींचकर भाग निकले। श्री खरे ने बताया कि घटना के बाद वे तत्काल गढ़ा थाने पहुंचे लेकिन वहां पहुंचने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें लिखित शिकायत देने के लिए कहा।
बाद में दो पुलिसकर्मी उन्हें अंदर कमरे में ले गए और कहा कि आप लोग चुप रहना वरना लुटेरे कुछ भी कर सकते हैं। पुलिसकर्मियों ने खरे दंपती को जाते-जाते एक और हिदायत दी कि इस बात को मीडिया के सामने तो लाना ही नहीं वरना आपकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
श्री खरे ने बताया कि वे पुलिस की बातों से भयभीत हो गए उनकी पत्नी तो जरा सी आहट में घबराने लगी हैं, जिसके कारण पिछले तीन दिनों से वे लोग घर से बाहर ही नहीं निकले। इस संबंध में जब गढ़ा थाने में संपर्क किया गया तो एसआई धर्मेन्द्र सिंह ने ऐसी किसी भी घटना होने से इंकार कर दिया।
