इंदौर। परिवहन मंत्रालय के फैसले के खिलाफ बस संचालकों ने हड़ताल कर दी। अकेले इंदौर में करीब 1700 बसों के पहिए थम गए हैं। यात्रियों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है परंतु यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार ने कोई वैकल्पिक प्रबंध नहीं किया है। यहां तक कि उन्हें पेयजल तक उपलब्ध नहीं कराया गया।
सरकार के फैसले के खिलाफ मंगलवार को खंडवा और झाबुआ रूट के बस संचालक हड़ताल कर दी। करीब 1700 बसों के पहिए थम जाने से यात्री हजारों यात्री प्रभावित हुए। शासन ने 75 किलोमीटर से अधिक की दूरी के परमिट के लिए 50 सीटर बसों को अनिवार्य किया है। बस ऑपरेटर इसका विरोध कर रहे हैं।
