जबलपुर। डीमेट में चल रहे फर्जीवाड़े और लाखों के खेल का एक और मामला गुरुवार को हाईकोर्ट में सामने आया। यहां नरसिंहपुर निवासी रितु वर्मा ने कोर्ट के हवाले एक रिकॉर्डिंग करते हुए बताया कि डीमेट में टॉप कराने के लिए उससे 52 लाख रुपए का सौदा किया गया।
इसके लिए उसने एक एजेंट से बात की थी। 24 और 30 जून को हुई 20 मिनट की बातचीत में एजेंट उससे 52 लाख रुपए का इंतजाम करने की बात कह रहा है। रितु ने इसी रिकॉर्डिंग के आधार पर हाईकोर्ट में डीमेट घोटाले को उजागर करने की कोशिश की है।
मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर की अध्यक्षता वाली युगल पीठ ने मामले पर गौर करने के बाद राज्य शासन, प्रमुख सचिव व संचालक चिकित्सा शिक्षा और एपीडीएमसी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए 18 अगस्त तक का समय दिया गया है।
बेहतर अंक के बाद भी काउंसलिंग से दरकिनार कियाः
रितु के अधिवक्ता आदित्य संघी ने ने दलील दी कि ओबीसी कैटेगिरी की छात्रा रितु पहले भी तीन बार डीमेट परीक्षा दे चुकी है। बेहतर अंक हासिल करने के बावजूद काउंसलिंग में दरकिनार किए जाने से उसका दाखिला नहीं हुआ। 12 जुलाई को होने जा रही डीमेट परीक्षा में वह चौथी बार शामिल होगी।
