भोपाल। बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा के खिलाफ कोर्ट की अवमानना करने पर 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी करने के बाद मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में हलचल है। यहां उच्च शिक्षा विभाग के पचास से ज्यादा अवमानना के मामले कोर्ट में लंबित है। विभाग ने कोर्ट केसों की हालिया स्थिति का पता लगाने के लिए आनन-फानन में शुक्रवार को अफसरों की बैठक बुलाई है।
प्रोफेसरों का कहना है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला ऐसे समय आया है, जब प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े कोर्ट केसों की संख्या 1500 से ऊपर पहुंच गई है। विभाग स्तर पर अफसरों द्वारा कोर्ट के प्रकरणों को लेकर उदासीन रवैया अपनाने के कारण लंबित प्रकरणों की संख्या हर साल बढ़ रही है।
मध्यप्रदेश शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष प्रो. कैलाश त्यागी के अनुसार प्रोफेसरों से जुड़े कई मामलों में हाईकोर्ट फैसला सुना चुका है, लेकिन विभाग स्तर पर इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। छठवें वेतनमान के एरियर को लेकर ही कोर्ट का फैसला आए दो से तीन साल बीत गए हैं, लेकिन विभाग ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया।
प्रो. त्यागी का कहना है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का यह फैसला एक तरह से प्रोफेसरों के लिए राहत भरा है। इस फैसले के बाद उच्च शिक्षा विभाग के अफसर न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएंगे।
