जबलपुर। चार रोज पहले नशे में धुत युवा मोर्चा नेताओं की कॉलर पकड़ने वाले एक पुलिस अधिकारी एवं तीन सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस विभाग में इस कार्रवाई के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है। भाजपाईयों का आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की एवं अवैध वसूली का प्रयास किया।
युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई को सही बताया है तो वहीं पुलिस महकमे में इस कार्रवाई को लेकर आक्रोश व्याप्त है। लाइन हाजिर किए गए कर्मचारी अनुशासन के कारण खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे लेकिन दबी जुबान में उनका कहना है कि उन्होंने ड्यूटी के दौरान शराब पीने वालों को खदेड़ा था, जिसे राजनैतिक रूप दे दिया गया और अधिकारियों ने दबाव में आकर कार्रवाई कर दी।
ये रही कहानी
शुक्रवार की रात मदनमहल स्टेशन के पीछे बने रेलवे गेस्ट हाउस के पास भाजयुमो नेताओं के साथ मदनमहल थाने के एएसआई संतोष मेश्राम, प्रधान आरक्षक लम्मू सिंह, आरक्षक संतोष झारिया और आरक्षक बालमुकुंद की झड़प हो गई थी।
युवा मोर्चा नेताओं ने पुलिस कर्मियों पर बेवजह मारपीट और वसूली का आरोप लगाया था। जबकि पुलिस कर्मियों का कहना था कि आशीष अस्पताल से उन्हें सूचना मिली थी कि रेलवे गेस्ट हाउस के पास कुछ युवक शराब पीकर हुड़दंग कर रहे हैं। लिहाजा वे अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए मौके पर पहुंचे थे लेकिन नशे में धुत युवकों ने उनसे हाथापाई शुरू कर दी, जिस पर सख्ती करना पड़ गई थी।
इस घटना के बाद शनिवार को युवा मोर्चा नेताओं ने थाने का घेराव करके दोषी पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की मांग की थी। मोर्चा नेता इस मामले को लेकर लगातार पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके चलते पुलिस अधीक्षक ने पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए सीएसपी कोतवाली अनिल वैद्य को नियुक्त किया था। सीएसपी ने जांच के बाद चारों पुलिसकर्मियों को दोषी बताकर अपनी रिपोर्ट पेश की, जिस पर एसपी ने चारों को लाइन अटैच कर दिया।