नई दिल्ली। उधर मोदी सरकार के सांसद अपनी सेलेरी दोगुनी करने की योजना बना रहे हैं तो इधर दिल्ली सरकार में मौजूद भाजपा के विधायकों ने सांसदों की दलीलों के विपरीत काम कर दिया। उन्होंने राजनीति को समाजसेवा का जरिया बताते हुए मात्र 1 रुपए प्रतिमाह सेलेरी की मांग की है। याद दिला दें कि भाजपा सांसदों ने बड़े ही प्रोफेशनल स्टाइल में खर्चे गिनाते हुए सेलेरी को दोगुना करने की मांग की है। मानसून सत्र में यह वेतन वृद्धि सुनिश्चित है।
दिल्ली विधानसभा के भाजपा विधायकों ने कहा कि राजनीति समाजसेवा है न कि पेशा। इसलिए आदर्श व नैतिकता की बातें कर सत्ता में आने वाले विधायकों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग करना देशवासियों के साथ विश्वासघात है। ज्यादा से ज्यादा पैसा देशवासियों की सेवा में खर्च हो इसके लिए मुख्यमंत्री और उनके विधायक एक रुपया वेतन लेने की घोषणा करें। भाजपा इसके लिए तैयार है और अगले सत्र में इस पर प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति मांगी जाएगी।
भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि विधायक वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार यह बहुत कम है। इसलिए इसमें बढ़ोतरी नहीं होने पर भ्रष्टाचार बढ़ेगा। शर्मा का कहना है कि वह इस मांग का विरोध करते हैं क्योंकि इस बात की क्या गारंटी है कि ज्यादा वेतन लेने वाला विधायक भ्रष्टाचार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि विधायकों को चाहिए कि वह मात्र एक रुपया वेतन लें तथा शेष पैसा प्रदेश के लोगों की सेवा पर खर्च करें। व्यक्तिगत रूप से वह एक रुपया वेतन लेकर काम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री को भी यह घोषणा करनी चाहिए। भाजपा विधायक जगदीश प्रधान ने भी शर्मा के इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
नेता प्रतिपक्ष ने भी किया समर्थन
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी दोनों विधायकों की भावना का समर्थन करते हुए कहा कि इस बारे में विधानसभा में बहस होनी चाहिए। इसलिए वह अगले सत्र में इस संबंध में प्रस्ताव लाएंगे। गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक अपने वेतन का त्याग कर सिर्फ सचिवालय भत्ते पर काम करने को तैयार हैं।
