रायगढ़। खरसिया एसडीएम एके धृतलहरे पर एक नाबालिग लड़की द्वारा छेड़छाड़ करने, चोरी के झूठे जुर्म में फंसाने और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज आरोप लगाकर इसकी शिकायत छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, सीएम, एचएम, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, मुख्य सचिव, विधायक खरसिया के नाम करते हुए एसपी डॉ. संजीव शुक्ला और प्रभारी कलेक्टर व सीईओ जिपं नीलेश कुमार क्षीरसागर से सोमवार को की है।
खरसिया एसडीएम पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की कोई और नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी ऑफिस के पास स्थित एसडीएम के शासकीय मकान में नौकरानी का काम करने वाली है। बहरहाल नाबालिग लड़की की इस शिकायत से पूरा पुलिस व जिला प्रशासन महकमा सकते में आ गया है। एसपी ने खरसिया एसडीओपी को जांच के निर्देश दिए है। वहीं इस मामले में एसडीएम खरसिया की ओर से अभी तक अपना कोई पक्ष नहीं रखा गया है।
एसडीएम धृतलहरे के खिलाफ आरोप लगाकर एसपी व कलेक्टर से किए शिकायत में नाबालिग लड़की ने बताया है कि करीब छह माह पहले उनके घर दो हजार रुपए मासिक वेतन पर घरेलू काम करने जाती थी। पहले तो शुरुआत में उसे सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक काम कराया जाता था। इसके बाद उसे सुबह 10 से लेकर रात 9 बजे तक इतने ही मासिक वेतन पर काम करने कहा गया। एसडीएम के शासकीय क्वार्टर पर एसडीएम व उनकी बीवी ही रहती थी। वहीं बीच बीच में एसडीएम की पत्नी 10-12 दिनों के लिए रायपुर चली जाती थी। इस दौरान एसडीएम एके धृतलहरे द्वारा नाबालिग को रात 9 बजे तक रूकने के लिए दबाव बनाया जाता था। जबकि एसडीएम की पत्नी नाबालिग को जब वे रायपुर जाती थी तब दो घंटे में काम कर घर चले जाने की बात कही जाती थी।
किशोरी ने इस दौरान एसडीएम पर सूनेपन का फायदा उठा कर छेड़खानी का आरोप लगाया है। वहीं नाबालिग का यह भी आरोप है कि उसके द्वारा मना किए जाने पर एसडीएम द्वारा चोरी के झूठे आरोप में फंसा देने की धमकी दी जाती थी। जब नाबालिग ने एसडीएम के इस हरकत की जानकारी अपने मां को दी तो उसे काम करने के लिए मना कर दिया गया। जब नाबालिग लड़की और आगे काम नहीं कर पाने की बात कहने एसडीएम के घर पहुंची तो उस पर सोने चांदी के जेवरात चोरी करने का झूठा आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत खरसिया चौकी में की गई और एसडीएम के निर्देश पर चौकी पुलिस उस पर दबाव बनाने लगी।
खरसिया चौकी पुलिस करती थी नाबालिग को प्रताड़ित
नाबालिग ने खरसिया चौकी पुलिस पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाई है। नाबालिग द्वारा एसपी व कलेक्टर से किए गए शिकायत में बताई है कि एसडीएम द्वारा चोरी के झूठे आरोप का शिकायत चौकी में की गई। इसके बाद पुलिस उसे चौकी बुलाकर एक पैर में खड़ा कर देती थी और लाठी डंडे से मारती थी। यही नहीं पूछताछ के नाम पर हर सप्ताह 4 दिन बुलाया जाता था और एसडीएम के घर चोरी करने की बात कबूल करने के लिए दबाव बनाया जाता है। पुलिस की मार से नाबालिग के पैर में सुजन आ जाने की भी शिकायत की गई है। इसके अलावा पुलिस पर जान से मारने के धमकाने भी आरोपी लगाई है।