भोपाल। MPPSC में गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रहीं हैं। दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नौकरियां देने के लिए आतुर MPPSC उन्हें नियम विरुद्ध लाभ दे रही है जबकि मप्र के अभ्यर्थियों पर कड़ाई के साथ शर्तें लागू की गईं। नाराज प्रदेशवासियों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
प्रदेश के उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है कि बिना रजिस्ट्रेशन परीक्षा पास करने वालों ने जालसाजी की है। उन्होंने तथ्यों को छिपाया और गलत तरीके से परीक्षा पास की है। आयोग ने फॉर्म भरते वक्त कहा था कि जिनकी डिग्री पूर्ण हो चुकी है और रजिस्ट्रेशन होल्डर हैं, वे फॉर्म भरने के पात्र हैं लेकिन इंटर्नशिप और फाइनल ईयर की पढ़ाई करने वाले उम्मीदवारों की आड़ लेकर बाहरी उम्मीदवारों ने भी फॉर्म भर दिया। इनमें से कई तो मेरिट में भी आए हैं, लेकिन उनके पास रजिस्ट्रेशन नहीं है।
अब शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन का धंधा
जैसे रेलवे में तत्काल टिकिट की सुविधा है वैसे ही आयुर्वेद बोर्ड ने भी बाहरी अभ्यर्थियों को तत्काल रजिस्ट्रेशन के लिए पिछला दरवाजा खोल दिया है। खुली नीलामी चल रही है। जैसा माथा वैसा तिलक लगाया जा रहा है। रातों रात रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। खुलेआम काला कारोबार चल रहा है। पिस रहा है तो बस मप्र का बेरोजगार, जिसे दूसरे राज्यों में नौकरी मिलती नहीं, और अपने राज्य में शासन अब भी नौकरियां बेचने पर तुला हुआ है।
छात्रों ने रजिस्ट्रार का घेराव कर रखी मांग
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 722 पदों के लिए 1900 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इनमें से 250-300 उम्मीदवार प्रदेश से बाहर के हैं। नियमानुसार किसी भी उम्मीदवार का आयुर्वेद बोर्ड में रजिस्ट्रेशन होने में कम से कम तीन महीने लगते हैंै। लेकिन कई उम्मीदवार पैसे देकर तत्काल में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। इसकी शिकायत उच्च स्तरीय अफसरों से भी गई है। प्रदेश के चयनित उम्मीदवारों ने आयुर्वेद रजिस्ट्रार डॉ. एससी खांबरा का घेराव किया और उन्हें रजिस्ट्रेशन में बरती जा रही लापरवाही से अवगत कराया है।
नियमानुसार रजिस्ट्रेशन किया जाएगा
नियमानुसार सभी का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। तत्काल जैसी यहां व्यवस्था नहीं है। जब तक उम्मीदवार की कन्फर्मेशन संबंधित जानकारी यूनिवर्सिटी से नहीं आ जाती, तब तक हम रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते हैं। वैसे भी हम एनओसी आदि देखकर ही रजिस्ट्रेशन करेंगे, जिसमें समय तो लगेगा ही।
डॉ. एससी खांबरा, रजिस्ट्रार, आयुर्वेद बोर्ड
