जबलपुर। भारत को चोरों का देश कहने वाले बद्तमीज डीआरएम अपने अधीनस्थों को भी गालियां देते हैं। उनकी इसी गालीगलौच से गुस्साए कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया और करीब डेढ़ सौ ट्रेनों के चक्केजाम हो गए। पूरे इलाके में हंगामा हो गया। डीआरएम की एक हरकत ने करीब 2 लाख यात्रियों को परेशान किया एवं उनकी यात्रा बाधित हुई।
डीआरएम अजय सिंह के एक आपत्तिजनक शब्द ने मंगलवार सुबह ट्रैक पर दौड़ रही कई ट्रेनों के पहिये जाम कर दिए। उन्होंने ऑपरेटिंग विभाग के एओएम (असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर) को फोन पर बातचीत के दौरान अपशब्द कह दिए। इसकी जानकारी लगते ही ऑपरेटिंग विभाग के सभी कर्मचारी काम बंद कर कार्यालय के बाहर आ गए।
इन कर्मचारियों ने तकरीबन डेढ़ घंटे तक काम नहीं किया। इस वजह से ट्रेनों के पहिये थमे रहे। मंडल से लेकर जीएम ऑफिस के अधिकारी ऑपरेटिंग विभाग के कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए मनाते रहे। बाद में जीएम ने डीआरएम पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद अधिकारी और कर्मचारी काम पर लौटे।
क्या था मामलाः
डीआरएम अजय सिंह ने सुबह पौने दस बजे ऑपरेटिंग विभाग के असिस्टेंट ऑपरेटिंगमैनेजर एसके श्रीवास्तव को फोन कर इंजीनियरिंग विभाग को 4 लाइट इंजन देने के निर्देश दिए लेकिन एओएम ने इंजन उपलब्ध कराने में असमर्थता जता दी। इससे नाराज डीआरएम ने उन्हें अपशब्द कह दिए।
सिग्नल के पास ही थम गए पहिए
ऑपरेटिंग विभाग में काम बंद होने से इटारसी से जबलपुर, सतना से मानिकपुर, कटनी से सिंगरौली, जबलपुर से सतना, असलाना से बीना, असलाना से कटनी के ट्रैक पर करीब 150 ट्रेनें सिग्नल के आगे आकर रुक गईं। इन ट्रेनों पर ऑपरेटिंग का काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इधर ऑफिस में फोन घनघनाते रहे, माइक पर मैसेज और लोकेशन मांगी गई, लेकिन कोई मैसेज पास नहीं हुआ।
ये बड़ी ट्रेनें हुईं प्रभावित
राजकोट एक्सप्रेस
जनशताब्दी एक्सप्रेस
महाकौशल एक्सप्रेस
इटारसी पैसेंजर
जनता एक्सप्रेस
राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस
पवन एक्सप्रेस
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