तनाव में शिवराज: नहीं मिले अमित शाह

Bhopal Samachar
भोपाल। संघ के दूसरे दिग्गज नेता सुरेश सोनी का स्वास्थ्य जानने के बहाने दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी आदत के अनुसार एक तीर से कई निशाने लगाने का प्रयास किया लेकिन इस बार उनके कई निशाने चूक गए। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात का समय मांगा था परंतु अमित शाह ने इंकार कर दिया। उल्टा कैलाश विजयवर्गीय को महासचिव नियुक्त कर डाला। सुना था कि बुधवार को शिवराज कई केन्द्रिय मंत्रियों से मिलने वाले हैं लेकिन रात ढल गई ऐसी कोई खबर नहीं आई।

दरअसल गरोठ विधानसभा उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्याशी चयन के मामले मेंं अमित शाह से कोई मशवरा नहीं किया। इससे अमित शाह नाराज हैं। नाराज होने के और भी कई कारण हैं। डंपर से शुरू हुई कहानी डीमेट तक जा पहुंची है। शाह तक खबरें पहुंच रहीं हैं कि मप्र में 'ब्रांड शिवराज' की वेल्यू बहुत कम रह गई है। उनकी धर्मपत्नि श्रीमती साधना सिंह को रेडकार्पेट पर 'कंट्रोवर्सी क्‍वीन' के नाम से पुकारा जाने लगा है।

कई बड़े और जिम्मेदार लोग सवाल कर रहे हैं कि मप्र के पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत से लेकर दिग्विजय सिंह तक मुख्यमंत्रियों पर कई आरोप लगे लेकिन उनकी पत्नियों के नाम कभी किसी घोटाले में घसीटे नहीं गए, फिर क्या कारण है कि बार बार और लगभग हर मामले में 'कंट्रोवर्सी क्‍वीन' का जिक्र छिड़ आता है।

बता दें कि मप्र के मुख्‍यमंत्री का पद संभालते ही शिवराज सिंह की पत्‍नी साधना सिंह तब चर्चा में आईं थीं जब एक डंपर दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था। जांच में डंपर साधना सिंह के नाम रजिस्‍टर्ड होने की बात सामने आई थी। मामला इतना उछला कि खुद शिवराज सिंह चौहान ने एक इंटरव्‍यू में इसे स्‍वीकार किया था। हालांकि तब उन्‍होंने उलटे सवाल किया था कि क्‍या मेरा परिवार बिजनेस नहीं कर सकता? काश सवाल यहीं खत्म हो जाते। इसके बाद सामने आया मप्र का सबसे बदनाम घोटाला 'व्यापमं फर्जीवाड़ा'। इसमें सीएम से ज्यादा उनकी पत्नी पर विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाए हैं।

तथ्य भले ही कुछ भी हों, लेकिन व्यापमं फर्जीवाड़े में साधना सिंह के नाम नहीं होने को लेकर अभी तक बीजेपी या सरकारी स्‍तर पर तथ्यपरक खंडन सामने नहीं आया है। इसके बाद कांग्रेस ने खदान मामले में भी साधना सिंह का नाम उछाला। हालांकि इसका मप्र भाजपा मीडिया विभाग ने खंडन जरूर किया था, लेकिन वह भी ठोस प्रमाण नहीं दे सके। फिर सामने आया डीमेट घोटाला, इसमें भी मुख्यमंत्री की पत्नी पर यह आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाया गया कि उन्‍होंने 'पॉवर' का इस्‍तेमाल कर अपनी बहन की बेटी का एडमिशन कराया था।

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