फैल हो गया पुलिस का मुखबिर तंत्र, अपहृत किसान की हत्या

भोपाल। ग्वालियर पुलिस का मुखबिर तंत्र एक बार फिर फैल हो गया। श्योपुर के किसान श्रीराम धाकड़ के अपहरण कांड में पुलिस डाकू मोहरू बंजारा की घेराबंदी करती रही जबकि अपहरण किसी दूसरे गिरोह ने किया और उसने किसान की हत्या भी कर दी। इतना ही नहीं हत्या करने के बाद इस गिरोह ने किसान के परिवार से फिरौती भी वसूल कर ली। 

खुलासा भी ग्वालियर पुलिस के सजग नेटवर्क के कारण ही हुआ। बुधवार की शाम को एसपी ग्वालियर हरिनारायणचारी मिश्रा को सूचना मिली कि कुछ हथियारबंद बदमाश आरौन पाटई रोड से गुजर रहे हैं, इस सूचना पर पुलिस ने इनकी घेराबंदी की तो बदमाशों ने इन पर फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस पार्टी ने भी फायर खोल दिया। फायरिंग के दौरान एक बदमाश के पैर में गोली लग गई और वह पकड़ा गया।

पकड़े गए बदमाश की पहचान जीतू राठौर के रूप में हुई। जो धौलागढ़ जिला शिवपुरी का निवासी है। बाद में इसके दो साथी आदिराम आदिवासी और वीरे तोमर भी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। एक बदमाश परशुराम धाकड़ निवासी मुरैना भाग निकला। 

पूछताछ में पता चला कि श्योपुर के किसान श्रीराम धाकड़ का अपहरण इसी गिरोह ने किया था। यह इलाके का नया डाकू गिरोह है और अक्सर लूटपाट किया करता है। वारदात के बाद ये अपने घरों में लौट जाते और सामान्य जीवन बिताते। 

27 मई को किसान श्रीराम धाकड़ को लूटने के लिए इस गिरोह ने उसकी घेराबंदी की, लेकिन किसान के पास नगदी कुछ भी नहीं मिला, इसलिए गिरोह किसान को अपने साथ ले गया। इनमें से एक बदमाश परशुराम धाकड़ निवासी सिविल लाइंस, मुरैना को किसान ने पहचान लिया था। यह दोनों पहले कभी शादी समारोह में मिले थे। 

परशुराम की पहचान हो जाने के बाद बदमाशों को लगा कि उसकी वजह से गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। इसके बाद बदमाश श्रीराम को शिवपुरी के भानगढ़ के जंगल में ले गए और वहां पर गोली मार दी और सिर पर पत्थर पटक दिया। 

इसके बाद इन लोगों ने श्रीराम के मोबाइल फोन से उसके परिजन को फोन लगाया और खुद को डकैत मोहरू बताकर पांच लाख रुपए की फिरौती मांगने लगे। दो दिन तक फिरौती की डील चलती रही इसके बाद इन्होंने श्रीराम के भाई से जंगल में एक लाख रुपए रखकर जाने को कहा। भाई राजेंद्र यह रुपए रख भी आया। 

बाद में जब ये गिरोह वापस लौट रहा था तभी ग्वालियर पुलिस के हत्थे चढ़ गया और इसी के साथ यह खुलासा भी हो गया कि किसान अपहरण कांड में पुलिस जिस डाकू की तलाश में जमीन आसमान एक कर रही थी, दरअसल उसने अपहरण किया ही नहीं था। पुलिस गलत दिशा में दौड़धूप कर रही थी। इसके साथ साथ खुलासा यह भी हो गया है कि ग्वालियर चंबल में अब पार्टटाइम गिरोह एक्टिव हो गए हैं जो कुख्यात डाकुओं के नाम पर वारदातें कर रहे हैं। यह पुलिस के लिए एक नई चुनौती है। देखते हैं, पुलिस इस नई चुनौती का सामना कैसे करती है। 

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