मप्र केबीनेट मीटिंग के विवाद

भोपाल। किराएदार से मकान खाली कराने में मदद करने वाले रेंट ट्रिब्यूनल के प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा शुरू होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोक दिया। नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में जैसे ही कुछ बोलना चाहा मुख्यमंत्री ने बाद में चर्चा के नाम पर इसे वापस कर दिया। यह प्रस्ताव आखिर वापिस क्यों हुआ, यह बात न तो मंत्री विजयवर्गीय को समझ आई ना ही किसी अन्य मंत्री को।

हालांकि डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्रस्ताव में कुछ कमियां होने की बात कही और बताया कि इस पर विस्तृत चर्चा के बाद फिर से कैबिनेट में लाया जाएगा। इसी प्रकार जल संसाधन विभाग में बांध निर्माण का कार्य करने वाले अमीन के 100 पदों का प्रस्ताव भी विभागीय मंत्री जयंत मलैया ने खुद वापस ले लिया। उन्होंने भी प्रस्ताव में कमी बताते हुए फिर से कैबिनेट में लाने की बात कही।

केन्द्र से ज्यादा पैसों में क्यों बनवा रहे मेडिकल कॉलेज
कैबिनेट में विदिशा, रतलाम और शहडोल मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव आते ही वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार बोले कि केंद्र ने जब 189 करोड़ के मेडिकल कॉलेज का प्रावधान किया है तो इसे बढ़ी हुई लागत में क्यों बनवाया जा रहा है। इस पर विभाग ने सफाई दी कि इसे बीओटी-एनयूटी मोड पर बनवाया जा रहा है। इसमें राज्य सरकार को किस्तों में पैसा देना है 15 साल बाद की कीमतों के आधार पर मेडिकल कॉलेज की लागत तय की गई है।

उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के साथ अस्पताल भवन बनाने में समय लगेगा, ऐसे में शहडोल के जिला अस्पताल के साथ जोड़कर मेडिकल कॉलेज क्यों नहीं बना लेते। इस पर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एमसीआई के नियम हैं, यदि नहीं मानेंगे तो सागर मेडिकल कॉलेज जैसी स्थिति बन जाएगी। इसे आज तक एमसीआई की मान्यता नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज दो साल में बनकर तैयार हो जाएं, इसलिए हमने हाऊसिंग बोर्ड की जगह एमपीआरडीसी को काम सौंपा है। हाऊसिंग बोर्ड का काम ढीला है।

माथा-पच्ची के बाद मंजूर हुए गौण खनिज नियम
गौण खनिज नियमों में बदलाव का प्रस्ताव आते ही वन मंत्री शेजवार ने कहा कि यदि ग्रामीण को खुद का घर बनाने के लिए पत्थर, मुरम और फर्शी-पत्थर फ्री देना गलत है, इसका दुरूपयोग हो सकता है। उनकी इस बात का समर्थन उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई ग्रामीण मकान बनाने के नाम पर खनिज ले जाकर बेचेगा तो इसे कैसे रोका जा सकेगा।

अन्य मंत्रियों द्वारा भी नियमों में कमियां निकालने पर मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से कहा कि एक बार और विचार कर लें, यदि ठीक न लगे तो इस प्रस्ताव को वापस कर देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में खदान होने के बावजूद ग्रामीण अपने मकान बनाने के लिए उसका उपयोग नहीं कर पाता। इससे लोगों को राहत ही मिलेगी। मुख्यमंत्री के इतना कहते ही सभी ने उक्त प्रस्ताव को मंजूर करने की सहमति दे दी।

If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!