प्राइवेट स्कूल संचालक को शिक्षा विभाग से मिलता है वेतन

इंदौर। चार साल से एक शिक्षक स्कूल से गैरहाजिर है, लेकिन अधिकारी उसका वेतन जारी किए जा रहे। इस दौरान उसे 14 लाख रुपए बिना काम के दे दिए गए। यही नहीं संकुल प्रभारी, संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी से भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

यह मामला सांवेर तहसील के प्राथमिक स्कूल ईजीएस बरलई जागीर का है। यहां सहायक शिक्षक सुनील कौशल 2010 से स्कूल नहीं आ रहा। वह कभी चिकित्सा अवकाश के नाम पर तो कभी बिना बताए गायब रहता है। स्कूल में करीब 90 विद्यार्थी हैं। स्कूल में सुनील कौशल सहित चार शिक्षक हैं। आश्चर्य की बात यह है कि शिक्षक को हर महीने बराबर तनख्वाह भी मिलती है। बताया गया कि चार साल में करीब 14 लाख रुपए तनख्वाह मुफ्त में मिल रही है। वह अपना निजी स्कूल चलाता है।

निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति
संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी सहित कई अफसरों पर स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी है। हर रोज कम से कम चार स्कूलों में अफसरों को पहुंचना होता है। इसके बावजूद इस स्कूल में सालों से कभी अफसर जांच करने नहीं गए। यहां तक कि स्कूल प्रभारी की शिकायत को भी नजरअंदाज कर दिया गया।

चार साल से कर रहा शिकायत
चार साल से तो हम संकुल प्रभारी को शिक्षक के नहीं आने की जानकारी दे रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षक आते भी नहीं हैं और इनके कारण दूसरे शिक्षक बार-बार अतिशेष श्रेणी में आ जाते हैं। संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत की, लेकिन अब तक वहां से कोई जांच नहीं हुई है।
महेश पटेल, स्कूल प्रभारी

जांच कराएंगे
फिलहाल, मैं शिकायत देख नहीं पाया हूं, अगर शिक्षक स्कूल नहीं आ रहा तो यह गंभीर लापरवाही है। इसकी जांच कराएंगे।
जीएस बामनिया, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण इंदौर संभाग

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