दमोह में दलितों पर दबंगों का कहर: प्रशासन के सामने पलायन

Bhopal Samachar
हटा। गैसाबाद थाना के अचलपुरा गांव में विगत 15 साल से चली आ रही रंजिश को लेकर दबंगो ने दलित परिवारों पर 24 घंटा तक ऐसा कहर बरसाया कि शुक्रवार को पुलिस प्रशासन के समक्ष ही कई परिवारों ने गांव से नाता तोड़ लिया। अब ये परिवार अपने घर, जमीन को भी देखने की मंषा नही रखते है। 

दबंगो के द्वारा 24 घंटे से कहर बरसाया जा रहा था लेकिन गांव के किसी भी व्यक्ति इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि वह पुलिस या प्रशासन को इसकी जानकारी दे सके, गांव में कार्य कर रही सरकारी ऐजेन्सी भी मूक दर्शक बनी यह सब देखती रही। तीसरे दिन जब प्रशासन को इसकी जानकारी लगी तो एसडीएम एसके अहिरवार, एसडीओपी आरके सिंह, एजेके एसडीओपी एचपी सिंघई, तहसीलदार एलके खरे भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे जहां उन्होने दबंगों की बर्बरता को देखते हुए दलितों को न्याय दिलाने की बात कही लेकिन दलित वर्ग के एक दर्जन से अधिक परिवारों ने अपना डेरा पुलिस प्रषासन के समक्ष ही उठा कर गांव को छोड़ने का फैसला कर लिया।

15 साल से चली आ रही रंजिश
गांव में दबंगो एवं दलित वर्ग के बीच विगत 15 वर्षो से रंजिश चली आ रही है। वर्ष 2000 में गांव के जदुआ अहिरवार की हत्या के आरोप पुन्नू सिंह एवं चंदन सिंह पर लगा था। वर्ष 2014 में पुन्नू सिंह की हत्या हुई जिसका आरोप डरे, चरन, फुल्ली अहिरवार पर लगा है, जिसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। हाल ही में 15 जून को गुडगांव में नन्हे सिंह पिता करन सिंह की हत्या हुई जिसका आरोप चरन अहिरवार पर लगा है। दोनों ही अचलपुरा गांव के रहने वाले है। चरन के ऊपर पुन्नू सिंह की हत्या का आरोप है।

घरों में घुसकर तोड़ फोड़, वृद्धों को भी बेरहमी से पीटा
फूलन अहिरवार, रत्तू, प्रेमा, गोरेलाल, भैयालाल ने बताया कि बुधवार की शाम जब गांव के लोग करन सिंह के यहां शोक संवेदना व्यक्त करने जा रहे थे तो वही से विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। विवाद इतना बड़ा कि गांव के करन सिंह, संतोष सिंह, वीरन सिंह, पप्पू सिंह ने दलितों को घर से बाहर निकाल निकाल कर मारपीट की। जिन घरों में ताला लगा था उन घरों के भी ताले तोड़कर सामान फेंका। कुछेक घरों के तो छप्पर भी तोड़कर सामान फेंका गया। सभी इतनी दहशत में थे कि कोई रिपोर्ट करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे थे। 

पुलिस प्रशासन के सामने ही गांव छोड़ा दलितों ने
एक ओर सारा प्रशासन जहां गांव के लोगों को वहां बिठाकर समझाईश दे रहा था, वही गांव के लोग अपना अपना सामान ट्रेक्टर पर रखकर गांव को छोड़कर जा रहे थे। गांव की दशोदा, फूलन, धन्नू, कोमल, गट्टी अहिरवार ने बताया कि विगत 15 सालों से विवाद चला आ रहा है। तीन हत्याएं हो चुकी है, विवाद शांत नहीं हो रहा है ऐसे में अब हम कोई भी गांव में रहने तैयार नहीं है। न ही हमारा किसी पर भरोसा कि वह हमारी रक्षा कर पायेगा और न्याय दिला पायेगा।

मुख्यमंत्री आॅनलाइन की शिकायत
गांव छोडकर विनती गांव में डेरा डाले गांव के कोमल अहिरवार ने सीएम आॅन लाइन पर मोबाईल से गांव के हालत की जानकारी दी तब कही जाकर प्रषासन सक्रिय हुआ। तीन दिन तक गांव में दबंग कहर बरसाते रहे। शुक्रवार को प्रषासन ने गांव जाकर सुध ली है।

जागा प्रशासन, अब गांव में पुलिस का डेरा
गांव में हालत अभी भी सामान्य नहीं है, शुक्रवार को पहुंचे एसडीएम एसडीओपी ने गांववासियों को न्याय दिलाने की बात कही है। गांव में अस्थाई पुलिस चैकी बनाई गई है। जहां सषस्त्र पुलिस बल को रोका गया है। अधिकारी द्वय ने बताया कि अपराध करने वाले का वक्षा नहीं जायेगा। पुलिस बल गांव में रूकेगा। गांव में केवल एक ही परिवार का विवाद है असामाजिक तत्व इसका लाभ ले रहे है। प्रषासन सभी के साथ है। किसी को भी गांव छोड़ने की जरूरत नहीं है।

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