रमजान के महीने में रोजा रखने वालों को कई बार सेहत संबंधी कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब रोजा जून की उमस भरी गर्मी में हो तो सेहत का खयाल करना बेहद जरूरी हो जाता है। डॉक्टरों की सलाह है कि रोजेदार प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर डाइट लें और एक के ऊपर एक चीज नहीं खाएं।
शहर के डॉ. परवेज सिद्दीकि ने बताया कि इन दिनों में 15 घंटे से ज्यादा का रोजा रखना आसान नहीं है। इसलिए खान पान का पूरा ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेहरी (सूरज निकलने से पहले भोजन करना) में प्रोट्रीन से भरपूर खुराक ली जाए, जिससे दिन भर आप को भूख का अहसास न हो और कमजोरी भी महसूस न हो।
इफ्तार में हो खजूर व फल
डॉक्टर मानते हैं कि रोजे में शोरबा वाले सालन (सब्जियां) खाएं, जिसमें तेल और मसाला कम हो, जो आसानी से पच सके। फाइबर का ज्यादा इस्तेमाल करें, जैसे फल और हरी सब्जियों। क्योंकि यह धीरे-धीरे पचती हैं, और इनके सेवन से दिन में पेट में खालीपन भी महसूस नहीं होता। इनसे शरीर को तरलता भी मिलती है। इफ्तार के वक्त (रोजा खोलने का समय) खजूर और फलों का अधिक इस्तेमाल करें और एकदम से पानी न पीएं। आम और खजूर के शेक और शरबत पिएं।
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
डॉ. सिद्दीकि के मुताबिक जो लोग रोजे से हैं, वह सेहरी में पूरा वक्त लेकर उठें और आराम-आराम से खाएं। साथ ही इस मौसम में शरीर को पानी की जरूरत रहती है इसलिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं, लेकिन एक साथ नहीं, बल्कि थोड़ा- थोड़ा कर के पिएं। कोशिश करें सेहरी और इफ्तार दोनों टाइम में कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पी लें। और यदि चावल खाते हैं तो चावल खाने के तुरंत बाद तो पानी बिल्कुल ही न पिएं। इससे पेट फूल जाता है साथ ही गैस की समस्या भी बनती है।
जंक फूड से बचें
खजूर आयरन व कैल्शियम का रिच सोर्स होता है। इसलिए कोशिश करें कि खजूर से ही रोजा खोलें। कोल्ड ड्रिंक्स, जंक फूड और कैफीन वाले पदार्थ जैसे चाय, कॉफी का सेवन नहीं करें, ये प्यास बढ़ाते हैं। जिनक ब्लॅड प्रेशर रोजे में कम हो जाता है, वे कुछ देर के लिए सीधे लेट जाएं और 10 मिनट के लिए पैरों को ऊपर कर लें। यदि एक साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं तो दो-दो मिनट करके यह क्रिया करें। इससे मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति सही हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मधुमेह, दिल और अस्थमा के मरीज रोजा रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।