नई दिल्ली। ललित मोदी प्रकरण से भाजपा की पारदर्शी छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई कड़ा फैसला ले सकते हैं। इस मामले में घिरीं सुषमा स्वराज पर विपक्ष की ओर से चौतरफा हमला हो रहा है। हालांकि, अभी तो पार्टी और सरकार स्वराज के साथ खड़ी है, लेकिन अपनी साख के सवाल पर वह कोई कड़ा फैसला लेने में हिचकेगी नहीं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि संसद के मानसून सत्र और आगामी बिहार चुनाव को देखते हुए भाजपा कोई समझौता नहीं करना चाहती। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, इस मामले में पीएम मोदी कोई कड़ा फैसला ले सकते हैं। हमेशा सरकार में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को दूर रखने की बात करने वाले प्रधानमंत्री इस मामले में किसी का बचाव करेंगे, ऐसी उम्मीद कम ही है।
उधर, सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ललित मोदी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। मोदी के साथ ही कई दूसरे अधिकारियों को 1700 करोड़ के विदेशी मुद्रा कानून उल्लंघन के 16 मामलों में जल्द नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। इस मामले में मुंबई में ललित मोदी के वकील महमूद आब्दी ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी नहीं किया गया है।
इस पर ईडी ने कहा कि वह व्यक्ित को नोटिस नहीं भेजता। 2012 में देश के सभी एयरपोर्ट को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। आब्दी के मुताबिक उनके मुवक्किल के खिलाफ ऐसा कोई आरोप ही नहीं। अपने पक्ष को रखने के लिए उन्होंने इंटरपोल की एक चिट्ठी लिखी है। उनका दावा है कि जब से मोदी भारत से गए हैं तभी से लगातार वे ईडी और पुलिस के संपर्क में हैं। उन्हें भगोड़ा घोषित करने की कोई जरूरत ही नहीं थी।