जबलपुर। गोंदिया कांड में कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा के खिलाफ शिवराज सिंह चौहान द्वारा दायर किए गए मानहानि के मामले ने अब एक नया रुख ले लिया है। केके मिश्रा ट्रायल के दौरान पूरा मामला खोलना चाहते हैं, हाईकोर्ट ने इस मामले में 23 जून की तारीख तय की है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने पक्ष रखा।
राज्य शासन और भोपाल के लोक अभियोजक की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव खड़े हुए। उन्होंने याचिकाकर्ता की ओर से प्रस्तुत समग्र दस्तावेजाें का अवलोकन करके समुचित दिशा-निर्देश हासिल करने के लिए कुछ समय दिए जाने की मांग की। चूंकि राजधानी भोपाल की अदालत में मुख्यमंत्री के मानहानि दावे पर पेशी की अगली तारीख 24 जून है, अत: हाईकोर्ट में अगली सुनवाई एक दिन पूर्व 23 जून को निर्धारित कर दी गई।
क्या है मामला
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने मई 2014 में एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ससुराल गोंदिया के रहने वाले कई आवदेकों का व्यापमं द्वारा आयोजित परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012-13 में अवैध तरीके से चयन हुआ है। गोंदिया जिला महाराष्ट्र में आता है इसके बावजूद इन सभी आवेदकों को मध्यप्रदेश का मूल निवासी बताया गया।
इस बयान को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री द्वारा भोपाल के लोक अभियोजक के माध्यम से भोपाल की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-199 (2) के तहत आपराधिक मानहानि का दावा ठोक दिया गया। जिसके बाद केके मिश्रा ने भोपाल कोर्ट में एक अंतरिम आवेदन दायर करके समस्त चयनित आवेदकों के मूल दस्तावेज दसवीं, बारहवीं की अंकसूची व मूल निवासी प्रमाण-पत्र आदि मंगवाए जाने पर बल दिया। भोपाल कोर्ट ने इस मांग को अपरिपक्व निरूपित करते हुए खारिज कर दिया, इसीलिए याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पडी।