भोपाल। ग्वालियर के कुछ शिक्षक पिछले 23 साल से प्रतिनियुक्ति पर निर्वाचन का काम देख रहे हैं। एक बार जो निर्वाचन की कुर्सी से चिपके तो आज तक वापस ही नहीं लौटे। वेतन शिक्षा विभाग की ओर से मिलता है लेकिन काम निर्वाचन विभाग का कर रहे हैं। मजेदार तो यह भी है कि इसी दौरान इंक्रीमेंट भी लग गया जो नियम विरुद्ध बताया जा रहा है।
पढिए यह शिकायती खत
प्रति,
श्रीमान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी
ग्वालियर,जिला ग्वालियर(म0प्र0)
विषयः- जिला निर्वाचन कार्यालय,ग्वालियर में वर्षों से अपनी चाटुकरिता से जुगत भिडाकर संलग्न शिक्षक मदन मोहन शर्मा स0शि0 शास0प्रा0विधालय ,पागनवीसी ,निर्मल कुमार गुप्ता,उ0श्रे0शिक्षक,शासकीय मा0 विधालय जमाहर तथा मुकेश वर्मा सहा0शिक्षक श्रीकृष्ण धर्मशाला को तत्काल मूल विभाग (विधालय)की ओर कार्यमुक्त कर पद विरुद्ध कार्य करने के एवज में दण्डित करने बाबत।
उपरोक्त विषय में आपका ध्यान ऐसे नाकारा ,लापरवाह, चापलूस और अपने कर्तव्यों से विमुख शिक्षकों की ओर आकर्षित कर कार्यवाही की मांग करता हॅू जो अपने मूल दायित्व को नकार कर वर्षों से निर्वाचन कार्यालय में जमें हैं। इस संबंध में कथन है कि-
1. मदन मोहन शर्मा स0शि0 शास0प्रा0विधालय ,पागनवीसी विगत 23 वर्षों से निर्वाचन कार्यालय में आसंजित है। उक्त कर्मचारी को सम्पूर्ण सेवावधि में 23 वर्ष गैर शैक्षणिक कार्य करने के बाबजूद दो क्रमोन्नति (वरिष्ठ वेतनमान) का लाभ दिया गया है, जबकि अपने मूल दायित्व का भली प्रकार 12 एवं 24 वर्षों तक निर्वहन करने के उपरांत ही क्रमोन्नति (वरिष्ठ वेतनमान) का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। संभव है कि कर्मचारी की गोपनीय चऱित्रावलि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कूटरचित संधारित करते हुये कर्मचारी को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है।
2. निर्मल कुमार गुप्ता,उ0श्रे0शिक्षक,शासकीय मा0 विधालय जमाहर जिसकी कुल सेवाअवधि 20 वर्ष है, 16 वर्षों से निर्वाचन कार्यालय में संलग्न है। संबंधित शिक्षक को सहायक शिक्षक से उ0श्रे0शिक्षक के पद पर पदोन्नत कर पदांकन ,शासकीय मा0 विधालय जमाहर किया गया। निर्मल कुमार गुप्ता को पदोन्नति उपरांत नवीन पदांकित शाला में उपस्थित करने के दो दिवस उपरांत पुनः निर्वाचन कार्यालय में आसंजित कर लिया गया। 16 वर्षों की कालावधि में छात्रों को शैक्षिधिक लाभ न पहुॅचाने वाले शिक्षक की पदोन्नति का आधार निश्चित रुप से संदिग्ध होकर जाॅच योग्य है।
3. मुकेश वर्मा सहा0शिक्षक श्रीकृष्ण धर्मशाला 9 वर्षों से निर्वाचन कार्यालय में आसंजित हैं जबकि विधालय में गणित व अंग्रंजी विषय के अध्यापन की कोइ व्यवस्था नहीं है।शिक्षकों की कमी के कारण विधालय के छात्रों का भविष्य अधर में है,पूर्व के श्ैाक्षणिक सत्रों में विधालय का परीक्षा परिणाम अनुकूल नहीं रहा है । मुकेश वर्मा सहा0शिक्षक अपनी पहुॅच और जुगाड से निर्वाचन कार्यालय नहीं छोडना चाहते हैं तथा छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड कर रहे हैं,जो कि पृथम दृष्टया दण्डनीय कृत्य है।
4. विधानसभा बजट सत्र मार्च 2015 में सम्माननीय विधायक द्वारा प्रश्न क्रमांक 2015/215 दिनांक 16.02.2015 द्वारा निर्वाचन कार्यालयों में संलग्न शिक्षकों के कारण शैक्षणिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होने के कारण आपत्ति उठाते हुये एसे सभी शिक्षकों की जानकारी चाही गई तथा माननीय विधानसभा अध्यक्ष से ऐसे सभी शिक्षकों को तत्काल अपनी अपनी शिक्षण संस्थाओं को कार्यमुक्त करने हेतु अनुरोध किया है। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रश्न का सकारात्मक उत्तर देने हेतु दिनांक23.02.2015 को आदेश जारी कर समस्त संलग्न शिक्षकों को उनकी मूल संस्थओं को कार्यमुक्त कर दिया गया। विधानसभा प्रश्न का उत्तर प्रेषित करने के उपरांत ही उन्हीं समस्त शिक्षकों को पुनः कार्यालय में आसंजित कर लिया गया । इस प्रकार विधानसभा सदस्य की गरिमा को ठेस पहॅुचाते हुये अवमानना की है।
5. आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा दिनांक 05.03.2015 को जारी गैर शिक्षकीय कार्य हेतु कार्यालयों में अटैच सभी प्रकार के शिक्षकों के अटेचमेण्ट निरस्त करने के संम्बंध में निर्देश जारी किये हैं,जिसके अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 27 के अनुसार शिक्षकों की जनगणना,चुनाव तथा आपदा राहत को छोडकर अन्य गैर शिक्षकीय कार्य में नियोजन निषिद्ध है,इस संबंध में शासन द्वारा समय समय पर आदेश/निर्देश प्रसारित किये गये हैं।दिनांक 06.09.2014 को सम्पन्न कलेक्टर काॅन्फे्रन्स में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संबंध में समीक्षा के दौरान जानकारी प्राप्त हुयी कि निर्वाचन कार्य में काफी लम्बे समय से शिक्षकों का आसंजन होने पर आयुक्त महोदय द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये, तत्काल सभी शिक्षकों के आसंजन समाप्त करने के निर्देश जारी करने के उपरांत भी उपरोक्तानुसार शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है।
6. म0प्र0सिविल सेवा आसंजन नियम के अनुसार किसी भी शिक्षक/कर्मचारी को 89 दिवस से अधिक की अवधि के लिये आसंजित नहीं किया जा सकता है,कतिपय एसा होता है तो कर्मचारी /शिक्षक का वेतन मूल विभाग से आहरित न होकर आसंजित किये जाने वाले विभाग से प्रदान किया जावेगा।तदनुसार आसंजित शिक्षकों द्वारा नियमविरुद्ध मूल विभाग से वेतन प्राप्त कर विभाग को लाखों रुपये की हानि पहुॅचाई है, जो वसूली योग्य है क्योंकि आयंजन अवधि में इनके द्वारा अपने मूल दायित्व (शैक्षणिक कार्य) का निर्वहन नहीं किया है।
अनेक वर्षों से निर्वाचन कार्य में संलग्न शिक्षक मदन मोहन शर्मा स0शि0 शास0प्रा0विधालय, पागनवीसी, निर्मल कुमार गुप्ता, उ0श्रे0शिक्षक,शासकीय मा0 विधालय जमाहर तथा मुकेश वर्मा सहा0शिक्षक श्रीकृष्ण धर्मशाला वस्तुतः आसंजन में निहित किसी स्वार्थ के अभीभूत होकर अपनी मूल दायित्व का जानबूझकर निर्वहन नहीं करना चाहते हैं, अपनी उॅची पहुॅच,चाटुकारिता और असंवैधानिक तरीके से वर्षो से संलग्न है।
आापसे अनुरोध है कि एसे नाकारा,लापरवाह एवं अपने मूल दायित्व का निर्वहन न करने वाले शिक्षकों को तत्काल निर्वाचन कार्यालय से मुक्त कराते हुये बच्चों के भविष्य से खिलवाड करने एवं शासनादेशों की अनदेखी करने के एवज में दण्डित करने का कष्ट करें। चूॅकि उपरोक्त कर्मचारियों द्वारा अपने सेवाकाल की सर्वाधिक अवधि आसंजित रहकर व्यतीत की है अतः भविष्य में इन शिक्षकों को आसंजन न करने हेतु सक्षम अधिकारी को निर्देशित करने का भी कष्ट करें।
हस्ता0
दिनांक-05.05.2015
स्थान-ग्वालियर
शैलेन्द्र गौड
एडवोकेट,म0प्र0उच्च न्यायालय,जबलपुर
हाल निवास - द्वारा श्री दीपचन्द,आनन्द भवन लोको, तानसेन रोड,ग्वालियर
प्रतिलिपि:-
1.माननीय मुख्यमंत्री महोदय,म0प्र0भोपाल
2.माननीय शिक्षा मंत्री(केबिनेट),स्कूल शिक्षा विभाग,म0प्र0भोपाल
3. माननीय शिक्षा मंत्री(राज्य),स्कूल शिक्षा विभाग,म0प्र0भोपाल
4.मुख्य सचिव,म0प्र0शासन
5.प्रमुख सचिव,स्कूल शिक्षा विभाग,म0प्र0भोपाल
6.आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय,भोपाल
7.अध्यक्ष,बाल अधिकार संरक्षण आयोग,भोपाल
8.आयुक्त,ग्वालियर संभाग,ग्वालियर
9. संपादक, भोपाल समाचार, भोपाल
