भोपाल। राजधानी में दो और निजी मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी चल रही है। इसमें एक टीआईटी ग्रुप व दूसरा इन्वी ग्रुप का है। इसके अलावा इंदौर समेत प्रदेश के अन्य शहरों में 17 और मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव संचालनालय चिकित्सा शिक्षा को मिले हैं। पिछले साल इंदौर में हुई इन्वेस्टर्स मीट के तहत ये आवेदन आए हैं। इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 150-150 सीटें होंगी।
अभी प्रदेश में सिर्फ सात निजी मेडिकल कॉलेज हैं। ये सभी भोपाल, उज्जैन और इंदौर में हैं। हेल्थ सेक्टर इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2012 के तहत संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने इंदौर में पिछले साल हुई इन्वेस्टर्स मीट के बाद प्रस्ताव मांगे थे। संचालनालय को 19 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव मिले हैं। अब इनका परीक्षण किया जा रहा है।
संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एनएम श्रीवास्तव ने बताया कि निवेशकों के साथ बैठक कर उनकी दिक्कतें पूछी जाएंगी। पूरी तैयारी होने के बाद राज्य शासन की टीम इन कॉलजों का निरीक्षण करेगी। इसी आधार पर कॉलेज संचालकों को डी एंड एफ (डिजायरबिलिटी एवं फिजिबिलिटी) सर्टीफिकेट जारी किया जाएगा। इसके बाद कॉलेज निरीक्षण के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को आवेदन कर सकेंगे। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कुछ छोटे जिलों से भी प्रस्ताव आए हैं।
इसके पहले 42 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव मिले थे। इनमें गुना, जबलपुर और इंदौर में एक-एक व भोपाल में महावीर और एडवांस मेडिकल कॉलेज मिलाकर पांच कॉलेज थे। सभी में एमएसीआई का निरीक्षण हो चुका है। एमसीआई की एक्जीक्यूटिकव कमेटी की अगली बैठक में इन पर निर्णय होगा। 2013 में दो दर्जन निजी कॉलेज खोलने के प्रस्ताव मिले थे। इसमें आरकेडीएफ ग्रुप का एक कॉलेज भोपाल में खुल गया है।
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प्रदेश में 42 हजार डॉक्टरों की कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार 1000 की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए, लेकिन मप्र में 1700 लोगों पर एक डॉक्टर है। सरकारी और निजी मिलाकर प्रदेश में 28 हजार डॉक्टर पंजीकृत हैें, जबकि जरूरत करीब 70 हजार डॉक्टरों की है। इस तरह प्रदेश में 42 हजार डॉक्टर कम हैें। ग्रामीण क्षेत्रों में 3000 की आबादी पर औसतन एक डॉक्टर है। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से हर साल 1700 एमबीबीएस डॉक्टर निकल रहे हैं, लेकिन इनमें आधे ही मप्र में प्रैक्टिस करते हैं। प्रदेश की आबादी हर साल करीब 15 लाख बढ़ रही है। इनके लिए सालाना 750 नए डॉक्टर चाहिए।
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हेल्थ सेक्टर इंवेस्टमेंट पॉलिसी के तहत हाल में 19 निजी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव आए हैं। अब इनका परीक्षण किया जा रहा है।
डॉ. एनएम श्रीवास्तव
संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा
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मेडिकल कॉलेज खोलना अच्छी बात है, लेकिन कॉलेज और संबंधित अस्पताल में सभी सुविधाएं होनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि कॉलेजों से होनहार डॉक्टर निकलें। उनकी क्लीनिकल पढ़ाई बेहतर होनी चाहिए।
डॉ. बीसी छपरवाल,
पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, एमसीआई