शिवराज के खिलाफ RTI कार्यकर्ता की जनहित याचिका खारिज

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन पर 13 वें वित्त आयोग की राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका 50 हजार रुपए के जुर्माने (कॉस्ट) के साथ खारिज कर दी। इसी के साथ राजधानी भोपाल के एनजीओ संचालक अजय दुबे को जोर का झटका लगा।

मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की डिवीजन बेंच ने अपने सख्त आदेश में कहा कि जनहित याचिकाकर्ता अजय दुबे 4 सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि जमा कराएं। ऐसा न किए जाने की सूरत में कलेक्टर भोपाल अपने तरीके से 8 सप्ताह के भीतर उनसे जुर्माना राशि की वसूली सुनिश्चित करेंगे।

क्या था मामला
सितम्बर 2013 में जनहित याचिका दायर करके मध्यप्रदेश शासन पर केन्द्रीय वित्त आयोग की राशि के मनमाने उपयोग का आरोप लगाया गया था। जनहित याचिकाकर्ता भोपाल के एनजीओ अजय दुबे का कहना था कि मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए इस राशि का जिस मद में सदुपयोग करना चाहिए, उसके स्थान पर अन्य मद में उपयोग कर दिया। चूंकि ऐसा करना वैधानिक दृष्टि से उचित नहीं अतः व्यापक जनहित में हाईकोर्ट की शरण ले ली गई।

समय खराब करने का आरोप
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से जनहित याचिकाकर्ता पर बेवजह हाईकोर्ट का कीमती वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाया गया। साथ ही दस्तावेजी जानकारियां प्रस्तुत करके आरोप बेबुनियाद साबित करने की कोशिश की गई। हाईकोर्ट ने सभी बिन्दुओं पर गौर करने के बाद दो साल से विचाराधीन जनहित याचिका तगड़े जुर्माने के साथ खारिज कर दी।

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