भोपाल। 'भारतीय जीवन बीमा निगम के एजेंटों पर आर्थिक प्रहार करके उनके काम करने की स्थितियों में बाधाएं पैदा करने की शुरुआत सरकार ने की है। एलआईसी को बचाने को लेकर देश भर में 12 लाख एजेंट सरकार के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे।'
भोपाल में हुई लाइफ इंश्योरेंस एजेंट फेडरेशन की दो दिवसीय बैठक में यह ऐलान किया गया। इस बैठक में देश भर के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीएस शुक्ला और महासचिव एन गजपति राव ने कहा कि एलआईसी केवल बीमा करने वाली एक कंपनी या केवल वित्तीय संस्थान नहीं है, बल्कि यह सरकार का ऐसा कुबेर है, जो देश के आम आदमी से धन संग्रह कर सरकार को आर्थिक संबल और भरोसा उपलब्ध करा रहा है।
बैठक में कहा गया कि प्रीमियम की रकम को अन्य कामों में खर्च किया जा रहा है, जिसका सीधा असर ग्राहकों के बोनस पर आ रहा है। दूसरी ओर एजेंटों के कमीशन और अन्य प्राप्तियों में कमी की जा रही है। शुक्ला ने कहा कि एक दशक से एजेंटों की जायज मांगें प्रबंधन द्वारा नहीं तो सुनी गई और न ही पूरी की गई हैं। हर बार आश्वासन दिए गए हैं।
