नईदिल्ली। पंजाब में पति-पत्नी और खून के रिश्तों के बीच जायदाद के तबादले पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली रजिस्ट्री फीस को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
यह फैसला तुंरत प्रभाव से लागू होगा। राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि यह फैसला लोगों को अपनी जायदादों की कानूनी ढंग से रजिस्ट्रेशन के लिए उत्साहित करने के लिए लिया गया है।
राज्य सरकार ने एक अन्य बड़ा फैसला लेते हुए जायदाद की बिक्री और कब्जे के तबादले के उद्देश्य के लिए दिए जाते मुख्तयारनामे को दर्ज करवाने पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को सही मायनों में शून्य कर दिया है, क्योंकि जहां इस दर को मौजूदा दो से घटाकर 0.5 फीसदी कर दिया गया है, वहीं यह राशि भी आगे संबंधित जायदाद की बिक्री डीड के अवसर पर अदा की जाने वाली स्टांप ड्यूटी में एडजस्ट की जाएगी।
बाकी मुख्तयारनामों पर स्टांप ड्यूटी 2000 रुपये ही रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर में कलेक्टर दरों को तर्क संगत बनाने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी इस संबंधी अंतिम फैसला लेने के लिए अपनी रिपोर्ट मंत्री परिषद को सौंपेगी।
