पंचायत सचिव तबादला कांड पर तमतमाए शिवराज, मंत्री को सुनाई खरीखोटी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव एवं उनके विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। वो पंचायत सचिवों के सीधे तबादले से नाराज थे, उन्होंने कहा कि यह कलेक्टरों का अधिकार है, उन्हें करने दीजिए।

मुख्यमंत्री से झूठ बोले अफसर
बुधवार को हुई बैठक में सीएम के सख्त लहजे पर पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव सहित विभाग की अपर मुख्य सचिव अरूणा शर्मा और पंचायत आयुक्त रघुवीर श्रीवास्तव ने सफाई देते हुए कहा कि पंचायत सचिव का एक भी आदेश राज्य सरकार स्तर से नहीं हुआ है। अपर मुख्य सचिव ने यहां तक कहा कि आपको किसी ने गलत जानकारी दी है। इस पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस ने मुख्यमंत्री के हाथ में पंचायत सचिव के आदेश की एक प्रति थमाई। मुख्यमंत्री ने इसे टेबल पर रखते हुए मंत्री भार्गव सहित अफसरों से पूछा कि यह आदेश झूठा है या आप लोग?

पकड़ा गया झूठ
मुख्यमंत्री के सामने झूठ पकड़े जाने पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा और पंचायत आयुक्त श्रीवास्तव सकपका गए। मंत्री भार्गव ने मामले को संभालने का प्रयास किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें अनसुना करते हुए कहा कि यदि आपको किसी सचिव को हटाना या अन्यत्र पदस्थ करना भी है तो आप संबंधित कलेक्टर को निर्देश दे सकते हैं, ऐसे नियमविरूद्ध आदेश क्यों जारी कर रहे हैं।

मंत्रीजी भी फंस गए
मंत्री ने आदेश पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए पंचायत आयुक्त श्रीवास्तव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैंने आपका अनुमोदन लेकर ही आदेश जारी किया है। इस पर मंत्री ने कहा कि आप लोगों को नियम कायदे देखकर फाइल भेजनी चाहिए। कई बार ज्यादा फाइलें आने पर उन्हें ध्यान से पढ़ नहीं पाते हैं।

क्या है मामला
पंचायत सचिवों के तबादले का अधिकार जिले के कलेक्टर को ही है। एक साल पहले पूरे प्रदेश में पंचायत मंत्री के निर्देश पर कलेक्टरों ने हर पंचायत सचिव को उनके गृहग्राम से हटा दिया था। तबादला निरस्त करने का कलेक्टरों पर दबाव बना तो पंचायत विभाग ने आदेश निकाला कि पंचायत सचिवों का तबादला निरस्त करने का अधिकार सिर्फ पंचायत मंत्री को होगा।

इसके बाद पूरे प्रदेश में हजारों सचिवों के तबादले निरस्त हुए। इसके चलते पैसों के लेन-देन के आरोप भी लगे। पैसों के लेन-देन को लेकर बात बिगड़ने पर पंचायत सचिवों के नेता दिनेश शर्मा और मंत्री के विशेष सहायक केडी कुकरेती के बीच हाथापाई होने हुई और मामला थाने तक पहुंचा था।

मुझे नहीं भरोसा
विभागीय अफसरों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम से हमने 65,375 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता निर्मित की है। इस पर मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि इतना बड़ा एरिया निर्मित हुआ है, मुझे भरोसा नहीं हो रहा है। उन्होंने विभाग को आंकड़ों की सच्चाई जानने के लिए थर्ड पार्टी से इम्पैक्ट एसेसमेंट कराने को कहा।

गांवों में कचरे के ढेर
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी मैं गांव जाता हूं तो कचरे के ढेर मिलते हैं। गांवों में सफाई कर्मी या फिर साफ-सफाई का सिस्टम तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में खंती (ट्रेचिंग ग्राउंड) बनाए जाएं, जिससे गांव का कूड़ा-कचरा उसमें डाला जा सके।

निरस्त कर दिया आदेश
आयुक्त पंचायतराज रघुवीर श्रीवास्तव का इस पर कहना है कि पंचायत सचिवों के मामले में एक आदेश जारी हो गया था, जिसे निरस्त कर दिया गया है। हालांकि तबादला नीति में भी यह प्रावधान है कि एक माह बाद मंत्री निरस्त करने की कार्रवाई कर सकता है।

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