तंबाकू के संदर्भ में स्कूलों के लिए दिशा निर्देश

भोपाल। राज्य शासन ने प्रदेश के सभी हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में तम्बाकू प्रतिबंधित होने संबंधी साइन-बोर्ड लगवाने के निर्देश दिये हैं। स्कूल के अंदर सभी तल एवं मुख्य संस्थान पर जो साइन-बोर्ड प्रदर्शित किये जायेंगे, उसमें इंगित होगा कि धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन प्रतिबंधित है। स्कूल के प्रवेश द्वार के बाहर भी तम्बाकूमुक्त शिक्षा संस्थान की घोषणा प्रदर्शित होगी। घोषणा में जिक्र होगा कि इस शिक्षा संस्थान की 100 गज की परिधि के अंदर किसी क्षेत्र में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद का विक्रय कड़ाईपूर्वक निषिद्ध है। इसका विक्रय होना 200 रुपये जुर्माने के साथ एक दण्डनीय अपराध है।

इस संबंध में प्राचार्य भी घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर छायाचित्र सहित जिला शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे। वे स्कूल का नाम, पता, पिनकोड के साथ घोषणा करेंगे कि तम्बाकू के किसी उत्पाद का सेवन नहीं किया जा रहा है। स्कूल में किसी भी रूप में तम्बाकू का कोई उत्पाद उपलब्ध नहीं है। सिगरेट, बीड़ी के अवशेषों और तम्बाकू थूकने के निशानों के लिये परिसर की जाँच की जा चुकी है। स्कूल इनसे मुक्त पाया गया है। शासन ने स्कूल शिक्षा के सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई के पहले कार्यवाही सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिये हैं। जिले की जानकारी संकलित कर लोक शिक्षण संचालनालय को भेजने को कहा गया है।

बच्चों को तम्बाकू की पहुँच से दूर रखने के लिये तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम एवं सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादन अधिनियम में शिक्षा संस्थानों को तम्बाकू मुक्त करने की व्यवस्था है। अधिनियमों के अनुसार शिक्षण संस्थान सहित समस्त सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान एवं अवयस्कों को तथा अवयस्कों द्वारा तम्बाकू पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध है। अधिनियम के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध एवं संस्था के बाहर बोर्ड पर घोषणा प्रदर्शित करना होगी। इसका पालन नहीं किये जाने पर 200 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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