जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में दोषमुक्त हो चुके याचिकाकर्ता को सब इंस्पेक्टर नियुक्त करने और प्रशिक्षण में भेजने का अंतरिम आदेश सुनाया। इसके साथ ही राज्य शासन, गृहसचिव, डीजीपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता सिंगरौली से भोपाल आकर अध्ययन करने वाले अनिल मिश्रा का पक्ष अधिवक्ता राजेश दुबे ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने दिन-रात मेहनत करके व्यापमं द्वारा आयोजित एसआई परीक्षा उत्तीर्ण की। उसका चयन भी हो गया। सूची में उसे सातवां स्थान मिला। लेकिन बाद में छानबीन समिति ने उसका चयन इस आधार पर रोक दिया कि पूर्व में वह धारा-307 के केस में आरोपी रह चुका है। उसके खिलाफ भोपाल के गोविन्दपुरा थाने में साल 2008 में केस दर्ज किया गया था। ऐसा आवेदक पुलिस में नौकरी करने के लायक नहीं है।
बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजेश दुबे ने दलील दी कि उनका पक्षकार धारा-307 के मामले में सेशन कोर्ट भोपाल से दोषमुक्त हो चुका है। उसका दोष केवल इतना था कि वह छात्रों के बीच हुए झगड़े के दौरान बाजू में खड़ा था। लिहाजा, उसे भी आरोपी बना लिया गया था। हाईकोर्ट ने सभी बिन्दुओं पर गौर करने के बाद अंतरिम राहत दे दी।