जबलपुर। एंड्रायड मोबाइल, लैपटॉप के साथ ही अब कम्प्यूटर के जरिए गूगल सर्च करने वालों में प्रदेश के ग्रामीण भी शुमार होंगे। सभी 51 जिलों के एक-एक ब्लॉक (विकासखंड) के सभी परिवारों से एक सदस्य को डिजिटल साक्षर बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। बड़ा सवाल यही रहा कि आखिर ग्रामीण इस तरह की ट्रेनिंग लेने मजदूरी छोड़कर क्यों आएगा।
इस समस्या को दूर करते हुए ट्रेनिंग लेने वालों को प्रति घंटे 20 रुपए का फंड भी दिया जाएगा। प्रदेश में नेशनल डिजिटल साक्षरता मिशन के तहत सभी जिलों को आदेश केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जारी कर चुका है। आने वाले दो माह के भीतर ट्रैनिंग प्रोग्राम शुरू होने की पूरी उम्मीद है।
ये सब सीखने मिलेगा
पहले कम्प्यूटर को चालू बंद करने से लेकर छोटी-छोटी जानकारियां दी जाएगी।
शुरूआती ट्रेनिंग की जानकारी सीखने के बाद एंड्रायड मोबाइल, टेब, लैपटॉप को चलाना सिखाया जाएगा।
किस तरह से गूगल पर जाकर किसी जानकारी निकाला जा सकता है।
सरकारी, गैर सरकारी वेबसाइट पर एंट्री करना और फिर उनका उपयोग करने की जानकारी दी जाएगी।
सभी जिलों से एक ब्लॉक का चयन
योजना में हर जिले से एक ब्लॉक का चयन शुरूआती प्रोजेक्ट में किया जा रहा है।
उस ब्लॉक के सभी गांव और उनके सभी परिवारों में एक व्यक्ति को ट्रैनिंग दी जाएगी।
ट्रैनिंग के लिए जिलों का ई गर्वनेंस विभाग (आईटी) उसी ब्लॉक के किसी बड़े भवन में ट्रैनिंग देगा।
आधार कार्ड और थोड़ा पढ़ाई जरूरी
डिजीटल साक्षरता की ट्रेनिंग के लिए 18 से 40 साल की उम्र तय की गई है। लेकिन कोई व्यक्ति 40 से ज्यादा उम्र का होगा और सीखना चाहता है तो उसे भी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी।
परिवार में उसी सदस्य को डिजीटल होने का मौका मिलेगा जो पढ़ा लिखा हो।
जिसके नाम पर आधार कार्ड बना हो।
डिजिटल साक्षर योजना के तहत ब्लॉक चयन का काम आने वाले दिनों में होगा। इसकी जानकारी शासन स्तर पर भेजी जाएगी। फिर ट्रेनिंग की स्वीकृति मिलते ही आगे के काम शुरू होंगे।
चित्रांश त्रिपाठी, ई गर्वनेंस शाखा प्रभारी