भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मध्य प्रदेश के 20 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। जिस तूफान ने मुंबई में कुछ इलाकों में तबाही मचाई और दर्जनों लोगों को मार डाला। वह तूफान मध्य प्रदेश की तरफ बढ़ रहा है। हालांकि यहां इसकी गति धीमी हो जाएगी लेकिन फिर भी मध्य प्रदेश के 20 जिलों में आम नागरिकों का जीवन प्रभावित होगा।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
इंदौर, अलीराजपुर, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, बड़वानी, धार, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर, पन्ना, नरसिंहपुर एवं नर्मदापुरम जिलों में कुछ स्थानों पर तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है। इसके अलावा लगभग पर सभी जिलों के आसमान पर बादल छाए रहेंगे और आकाश से बिजली गिरने की संभावना है। मध्य प्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर जिलों में मौसम बिलकुल विपरीत रहेगा। यहां पर गर्म हवा की आंधी (हीट वेव) चलेगी। जिसके कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित होगा।
ताजा अपडेट:- संपूर्ण भारत में महान प्रीमानसून तूफ़ान। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु, ओडिशा गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ और केरल के कई हिस्सों में हवा के झोंकों के साथ तीव्र बारिश होने की संभावना है।
अचानक ऐसा तूफान और आंधी-बारिश क्यों
मौसम विभाग, भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, 'वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन गुजरने की वजह से मध्यप्रदेश में ओले, बारिश, आंधी और आकाशीय बिजली गिरने या चमकने का दौर चल रहा है। 16 मई तक ऐसा ही मौसम रहेगा। कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। 40 से 60Km प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। 17 मई से गर्मी का असर बढ़ने लगेगा।'
सुरक्षात्मक सुझाव
• घर के अंदर रहें खिड़कियां और दरवाजे बंद करें और यदि संभव हो तो यात्रा से बचें।
• सुरक्षित आश्रय लें. पेड़ों के नीचे शरण न लें तथा तूफ़ान के दौरान जल निकायों से तुरंत बाहर निकलें।
• कंक्रीट के फर्श पर न लेटें और कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें।
• इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें एवं उन सभी वस्तुओं से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं।
• मध्यप्रदेश में जहाँ भी वर्षा की संभावना है. वहां फसलों को सुरक्षित करने के उपाय के साथ सिंचाई और रासायनिक छिड़काव से बचें।
• पकी हुई फसलों की जल्द से जल्द कटाई करें और कटी हुई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें। कटी हुई उपज (यदि खेत में हो) को पॉलिथीन शीट से ढक दें।
• जानवरों को खुले पानी, तालाब या नदी से दूर रखें। रात के समय पशु को खुले स्थान पर न रखें।
• पशुओं का विशेष ध्यान रखें, पशुओं को विशेष संरक्षित एवं सुरक्षित पशु शेड में रखें। सभी जानवरों को रात के दौरान विशेष रूप से संरक्षित और सुरक्षित पशु शेड में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, दोपहर के समय खेत के जानवरों को खुली चराई की अनुमति न दें।
• नर्सरी में पौधों को बचाने के लिए उन्हें हरे जाल या किसी अन्य माध्यम से ढकें।
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