भोपाल। भारत स्काउट एंव गाइड मध्यप्रदेश के सूत्र संचालकों ने नियम कायदे बताने वाले तमाम स्थाई कर्मचारियों को या तो सस्पेंड कर दिया है या फिर इधर उधर ट्रांसफर कर दिया। बदले में संविदा कर्मचारियों की भर्ती कर ली। गजब देखिए कि 65 की आयु पार कर चुके एक वयोवृद्ध को संविदा कमिश्नर बना दिया है। खुली मनमानी जारी है और शायद इसके पीछे कोई घोटाला भी।
तीन माह पहले स्काउट /गाइड मप्र के कर्मचारीयों द्वारा अपने 6 माह का रूका वेतन मागॅंने हेतु दिये गये धरना प्रदर्शन का खामियाजा इन कर्मचारीयों को कुछ इस तरह इनाम स्वरूप मिला की अधिकतर नियमित कर्मचारीयों को निलंबित व सेवा समाप्ती कर दी गई।
सूत्रों की माने तो विगत दिनों भारत स्काउट एंव गाइड के कर्मचारीयों को 6 माह तक वेतन ना मिलने के कारण धरना प्रदर्शन करना पडा। जिसके चलते शासन और स्काउट एंव गाइड प्रशासन मे सामंजस्य नही रहा। कर्मचारीयों को राज्य शासन द्वारा उनके खाते में वेतन तो दे दिया किंतु स्काउट प्रशासन को ग्रांट राशि नही मिलने के कारण नाराज होकर राज्य मुख्य आयुक्त जितेन्द्र सिंह बुदेंला ने वरिष्ठ अधिकारी अनिता अंकुलनेरकर राज्य संगटन आयुक्त गाइड को झूठे आरोप मे निलंबित कर दिया और प्रकाश दिसौरिया राज्य संगठन आयुक्त स्काउट अधिकारी को पदानवत कर दिया। वहीं हरिदत्त शर्मा एंव जयदीप सिंह, नरेन्द्र तिवारी, को अलग आरोप लगाकर निलंबित कर दिया गया। 4 कर्मचारीयों को स्थानातंरित कर दिया गया जिसमे कार्यालय की अधीक्षक ज्योति खानजोडे, देषमुख, मनोज कर्वेषे, रवि यादव, महेष सेनी, उमेष श्रीवास्तव, मजीद खान शामिल हैं।
जहाॅं एक और नियमित कर्मचारीयों को निलंबित किया गया तो 65 वर्ष कि आयु पार कर चुके व्यक्तिओ को संविदा पर रखकर इन वर्द्ध कर्मचारीयों सें महत्वपूर्ण कार्य का जिम्मा देकर कार्य कराया जा रहा है। कुछ संविदा कर्मचारीयो को को तो अतिमहत्वपूर्ण कार्य सोंपे गए हैं। जिसमे ललीत मिश्रा जबलपुर, राजेश मेवाडे को सहायक राज्य संगठन आयुक्त भोपाल का पदभार सौपा गया।
वही राज्य मुख्यालय मे संविदा नियुक्ति विनोद, पदम सिंह, अजय व्यास, कविता वर्मा, प्यारेलाल अहिरवार, जी.डी ताम्रकार, जी.आर.शर्मा, रेषुरजावत, रामनरेष तिवारी से मुख्यालय के कार्यो का संचालन करवाया जा रहा है ऐसे मे स्काउटिंग गतिविधियाॅं प्रभावित हो रही हैं। सूत्रों से ज्ञात हुआ की जो बच्चे अपने स्वंय के पेसे खर्च कर स्काउट गतिविधियों में भाग लेना चाहते हे उनको प्राइवेट मानकर राम नरेष तिवारी राज्य प्रशिक्षण आयुक्त द्वारा भगा दिया जाता है।अतः प्रशिक्षण से वचित रखा जता है। एसे में देश के आने वाले इस भविष्य का क्या होगा जिस कि कमान मोदी युवाओं के हाथो में सोपने का सपना सजाए बेठै हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश शासन के मंत्री बाबुलाल गौर ने बाल पुलिस बनाने के लिए व पुलिस का सहयोग करने और समाज में युवाओं को सम्मान दिलाने एक योजना का शुभारंभ किया। इसी विषय पर वर्षो से स्काउट एंव गाइड संस्था सुनागरिकता की शिक्षा एंव अनुशासन का पाठ पढ़ाती हैं इस ओर मुख्यमंत्री महोदय का ध्यान नही हैं और उनके मंत्री इस विभाग को लेकर गंभीरता भी नही दिखा रखें हैं।
बस आपसी खींचतान में आने वाले युवा और इन युवाओ को शिक्षा देने वाले शिक्षकों का भविष्य भी अधंकार की ओर ले जा रहें है। वहीं इस संस्था में सालों से पदस्थ हाल ही में सेवा निवृत्त कर्मचारी विक्रम सिंह चौहान को इस संस्था में कार्य करने का शासन ने यह इनाम दिया की उनकी पुत्री के विवाह होने पर भी उन्हें सेवा निवृत्ती के बाद दिया जाने वाला भुगतान भी नही किया गया। जिसके कारण एक पिता के बेटी कि बिदाई के वक्त के सपने चुरचुर हो गये ओर बीना पेसे के अपनी पुत्री का विवाह करना पडा।
अब ऐसे मे बडी बडी बाते करने वाले और बेटीयों के मामा कहलाने वाले बी.जे.पी के कार्यक्रमों में ही लगे रहें। कर्मचारियों ने जब एकजुट होकर मुख्यमंत्री को अपनी व्यधा सुनाना चाहा तो मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें समय नही दिया गया भृत्य ,देवीलाल पालीवाल को बिना कोई राशि के सेवा निवृत्त कर दिया गया। शिक्षा विभाग से जुडी यह संस्था लगातार उपेक्षा का शिकार हो रही हैं।