रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें क्यों: हाईकोर्ट ने पूछा

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भारत हैवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड व भोपाल विकास प्राधिकरण अंतर्गत आने वाले आवासीय क्षेत्रों में देशी-विदेशी शराब की दुकानें खोले जाने के मामले में जवाब मांग लिया है। इस सिलसिले में राज्य शासन, प्रमुख सचिव आबकारी, बीडीए, बीएचईएल, आबकारी आयुक्त व कलेक्टर भोपाल को नोटिस जारी किए गए हैं।

प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस मूलचंद गर्ग की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता राजधानी भोपाल निवासी एडवोकेट शिरीष बंगाली की ओर से जबलपुर के अधिवक्ता विवेक रंजन पाण्डेय ने पक्ष रखा।

जनता ने किया बड़ा आंदोलन
उन्होंने दलील दी कि भोपाल की जागरुक जनता देशी-विदेशी शराब दुकानों के खिलाफ बड़ा आंदोलन कर चुकी है। इस वजह से वहां के शराब ठेकेदार ने बीडीए के जमीन पर विदेश और भेल की जमीन पर देशी शराब दुकान खोल ली। चूंकि ये दोनों दुकानें रिहायशी इलाकों में हैं, अत: उन्हें हटाए जाने पर जनता अड़ी हुई है। इस संबंध में भेल के संपदा अधिकारी की कोर्ट शराब ठेकेदार के खिलाफ आदेश भी जारी कर चुकी है।

इसके बावजूद दुकान बदस्तूर जारी है। इसीलिए व्यापक जनहित में हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। दरअसल, शराब ठेकेदारों को देशी-विदेशी शराब दुकान खोलने का ठेका दिया जाता है तो उसका आश्ाय यह नहीं होता कि वे मनचाहे तरीके से शासकीय जमीनों पर कब्जा कर लें। लिहाजा, राज्य में जहां-जहां इस तरह आवासीय क्षेत्रों में शराब दुकानें चल रही हैं, वहां से हटाए जाने का सख्त आदेश अपेक्षित है।


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