श्रीनगर। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के डाउन-टाउन में शुक्रवार को अलगाववादियों के समर्थकों ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास किया, जिन्हें रोके जाने पर भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठियों और आंसूगैस का सहारा लिया। जुलूस के दौरान हुर्रियत समर्थकों ने कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज भी जलाया, लेकिन पुलिस ने इससे इन्कार करते हुए कहा कि यह मात्र अफवाह है।
इस बीच, कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी लगातार 15वें दिन भी अपने घर में नजरबंद रहे, जबकि जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के चेयरमैन व हुर्रियत जेके के संयोजक शब्बीर शाह को पुलिस ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर गलंदर-पांपोर में एहतियातन हिरासत में ले लिया।
शब्बीर शाह शुक्रवार को अनंतनाग जिले के डुरू-शाहबाद इलाके में नमाज-ए-जुमा के मौके पर रैली को संबोधित करने वाले थे। प्रशासन को वहां विधि व्यवस्था भंग होने की आशंका थी। इसलिए शाह को रास्ते में ही रोक लिया गया, लेकिन जब वह वापस श्रीनगर लौटने को राजी नहीं हुए तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इधर, डाउन-टाउन में नमाज-ए-जुमा के बाद बड़ी संख्या में लोग भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए एक जुलूस की शक्ल में बाहर निकले। ये लोग सभी कश्मीरी कैदियों की रिहाई और कश्मीर की आजादी की नारेबाजी कर रहे थे। मस्जिद के बाहर कुछ युवकों ने कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज को भी जलाया और जब नारेबाजी करते हुए युवक नोहट्टा चौक से आगे जाने लगे तो पुलिस ने रोक लिया।
इसपर भड़के युवकों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। भीड़ को हिंसक होते देख पुलिस ने भी लाठियों के साथ आंसूगैस का सहारा लिया। इसके बाद नोहट्टा और उसके साथ सटे इलाकों में पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा।
इस बारे में एसपी नार्थ शफकत हुसैन ने कहा कि नमाज के बाद कुछ युवकों ने उत्तेजक नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास किया था। पुलिस ने जब रोका तो वह हिंसा पर उतर आए। राष्ट्रीय ध्वज जलाने जाने की घटना से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है, यह कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई होगी।