टीकमगढ। खबर आ रही है कि विधानसभा जतारा क्षेत्र मे कुछ ऐसे गरीब धन्नासेठ हैं जिनके पास करोडों रूपये की चल अचल संपत्ति है, जिनके पास पैत्रिक संपत्रि नाम मात्र की है और पेशे से दैनिक वेतन भोगी के समतुल्य हैं। इसके बाबजूद करोडों की चल अंचल संपत्ति कहां से अर्जित की यह जांच का विषय है। स्वाभाविक है कि जिस विभाग में ये धन्नासेठ दैनिक वेतन भोगी के पद पर कार्यरत हैं, उन्होंने जरूर अपने अभिलेख मे बडे पैमाने पर हेराफेरी कर करोडों की अवैध संपत्ति अर्जित की है।
अगर जनचार्चा पर यकीन किया जाये तो सहकारिता विभाग की शाखाएं जिला की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र गाॅव व शहर मे संचालित हैं, समिति प्रबंधकों के पास करोडो की पूंजी है जो अनुमानित है। जिनमे दैनिक वेतन भोगी के पद पर पदस्थ कर्मचारी सैल्समैन समिति प्रबंधक को जो वेतनमान मिलता है उससे केबल एक दंपत्ति का गुजर बसर हो सकता है। सीमित रूप मे इनके पास पैत्रिक चल अचलसंपति जमीन जायदाद नाम मात्र की आय का कोई साधन नही माता पिता दैनिक मजदूरी पर निर्भर थे। इसके बाबजूद करोडो की संपत्ति अर्जित की है। जिसमे गाडी घोडा सोने चादी के आभूषण ऐशो आराम बंगला खेती योग्य जमीन के अलावा नगदी बैंक लाॅकर मे अवैध पूंजी है। यह दौलत कहा से अर्जित की है जो एक जाॅच का विषय है।
ये हे वो उचित मूल्य की दुकानें
सेवा सहकारी समिति मेदवारा
सेवा सहकारी समिति बम्होरी कला
सेवा सहकारी समिति दरियापुरा
सेवा सहकारी समिति लिधौरा
सेवा सहकार समिति जतारा