जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बैतूल की सांसद ज्योति धुर्वे के जाति प्रमाण-पत्र की वैधानिकता को कठघरे में रखने वाली याचिका पर राज्य शासन, उच्चस्तरीय कमेटी के आयुक्त व सांसद ज्योति धुर्वे को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
न्यायमूर्ति आलोक आराधे की ग्रीष्म अवकाशकालीन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता बैतूल निवासी एडवोकेट अरविन्द पेंड्राम की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि याचिकाकर्ता अनुसूचित जनजाति का सदस्य है। उसने अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित बैतूल लोकसभा सीट से 2009 में चुनाव लड़ा था। आगे चलकर इसी सीट से ज्योति धुर्वे ने भी चुनाव लड़ा। वे निर्वाचित होकर सांसद बन गईं।
याचिकाकर्ता का मुख्य आरोप यह है कि ज्योति धुर्वे ने अनुसूचित जनजाति का जो सर्टिफिकेट संलग्न करके लोकसभा चुनाव लड़ा, वह फर्जी है। मई 2009 में उनका कास्ट सर्टिफिकेट कठघरे में आने के बाद उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने पड़ताल शुरू कर दी थी। इसके बावजूद ठोस कार्रवाई के अभाव में वे चुनाव मैदान में उतरीं और फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर ही सांसद बन गईं।
