जबलपुर। राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की सर्किट बेंच स्थापित करने गठित की गई तीन न्यायाधीशों की कमेटी भंग किए जाने की मांग को लेकर वकीलों ने जन आंदोलन कर आगाज मानव-श्रृंखला बनाकर किया।
जिला बार अध्यक्ष अशोक गुप्ता व सचिव मनीष मिश्रा ने बताया कि जबलपुर के वकील हाईकोर्ट विखंडन रोकने सदा की तरह इस बार भी लामबंद हैं। सभी एकजुटतापूर्वक शहर के गौरव को क्षीण होने से बचाने संकल्पित हैं। इसके लिए किसी भी हद तक जाकर आंदोलित होने का निर्णय ले लिया गया है। इसी कड़ी में सभी बारों की संयुक्त बैठक आयोजित करके 8 सदस्यीय आंदोलन समिति बनाई गई। जिसके निर्णय पर गुरुवार को अम्बेडकर चौक से मानव-श्रृंखला बनाई गई। इसमें हजारों वकीलों के अलावा शहर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए। आम नागरिकों ने भी हाईकोर्ट को बचाने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
चिलचिलाती धूप में प्रदर्शन
उन्होंने बताया कि शहर जिला कांग्रेस सेवादल, हितकारिणी लॉ कॉलेज, हितकारिणी सभा, राष्ट्रीय चेतना मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता चिलचिलाती धूप के बावजूद दोपहर ठीक 1.30 बजे हाईकोर्ट के सामने एकत्र हो गए। उनका मनोबल बढ़ाने हाईकोर्ट बार अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट आदर्शमुनि त्रिवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता रमन पटैल, वीएन शुक्ला, बसंत डेनियल, उमेश पाण्डेय, सुधीर नायक, नरेन्द्र जैन, जीएस ठाकुर, प्रमोद चौबे, संजय सेठ, अर्पित तिवारी, राजेश उपाध्याय, सुनीता सूद गुप्ता, राजू मलैया, एचआर नायडू व प्रदीप परसाई बाबा सहित अन्य प्रदशर्नकारियों में शामिल हुए।
एक घंटे जमकर नारेबाजी
आंदोलित वकीलों ने मानव-श्रृंखला बनाकर एक घंटे तक जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सभी जबलपुर के स्वाभिमान को ललकारे जाने के प्रति आक्रोश प्रदर्शित करने में जुटे रहे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि जबलपुर की शान हाईकोर्ट की भोपाल बेंच गठित करने की साजिश बंद नहीं की गई तो महाकोशल, बुंदेलखंड व विंध्य को मिलाकर पृथक राज्य गठित करने के महाआंदोलन का शंखनाद कर दिया जाएगा। जिसकी राजधानी जबलपुर होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश की राजधानी का दर्जा इस शहर से छीनकर भोपाल को दिया गया था। जिसके एवज में हाईकोर्ट मिला, जिसे तोड़कर भोपाल ले जाने पर यह शहर चुपचाप तमाशा कतई नहीं देखेगा।
