ADG से अवैध संबंध है मेरी पत्नि है: सब इंस्पेक्टर के आरोप

भोपाल। आज राजधानी में मीडिया के सामने एक अवैध संबंधों का एक हाईप्रोफाइल ड्रामा हुआ। सब इंस्पेक्टर अमिताभ सिंह की पत्नि सोनाली ने अपने पति को जासूस और क्रिमिनल बताया, वहीं सब इंस्पेक्टर ने अपनी जिंदगी की पूरी दर्दभरी कहानी बयां कर डाली। उसने आरोप लगाया कि एडीजी के मेरी पत्नि से अवैध संबंध हैं, और जब मैने दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया तो एडीजी ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। एसई न यह भी बताया कि इस विवाद से पहले उसका सर्विस रिकार्ड ए प्लस रहा है।

सोनाली के आरोप…
सोनाली ने अपने पति पर 4 पन्नों के प्रेस नोट में जमकर आरोप लगाए, लेकिन तथ्य कुछ नहीं दिए। उसने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार चौहान, कैलाश विजयवर्गीय और मप्र में मौजूद आईएएस, आईपीएस की गैरकानूनी तरीके से जासूसी करने वाला उनका पति बर्खास्त सब इंस्पेक्टर आदतन अपराधी है। उस पर ब्लैकमेलिंग, अड़ीबाजी, रिश्वतखोरी, छेड़छाड़, बलात्कार के मामले दर्ज हैं। सोनाली के अनुसार, अमिताभ पर छतरपुर, सीहोर, भोपाल के महिला थाने में दहेज उत्पीड़न के भी मामले दर्ज हैं। जिसके साथ वह 10 साल रही, वह जासूस है। यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री के घर के सामने आत्मदाह कर लेगी।

फिर पति ने खोली पत्नी की पोल..
अमिताभ के मुताबिक, 2000 में सब इंस्पेक्टर की नौकरी में आने के बाद वह 2010 तक ए प्लस सीआर वाला रहा और कई थाने का प्रभारी भी। उसने अनाथ समझ कर सोनाली से शादी की। उसे तत्कालीन डीआईजी, सीबीआई राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि उसकी भतीजी अनाथ है। उससे शादी कर लो। 28 नवंबर 2005 को इंदौर के पुलिस आफिसर मैस में दोनों की शादी हुई। शादी में राजेंद्र मिश्रा के अलावा सोनाली के परिवार से कोई शामिल नहीं हुआ।

अनाथ समझ कर की शादी, मिला धोखा
अमिताभ के अनुसार, उसे पता चला कि सोनाली अनाथ नहीं हैं और न ही राजेंद्र की भतीजी। जिसे वह पिता बताती थी, वह उसके चाचा-चाची हैं। वहीं जिसे वह चाचा-चाचा बताती थी, वह उसके असली माता-पिता हैं। उसके पिता चंद्रशेखर दात्रे सीहोर में टीआई थे। इस धोखे से अमिताभ हैरान रह गए। इतना ही नहीं सोनाली की 2004 में पुलिसकर्मी मिथलेश त्रिपाठी से शादी हुई थी। उसके खिलाफ सोनाली ने 2005 में थाना बेलबाग (जबलपुर) में दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। बाद में उसके पति ने इंदौर में एक बेडरूम का फ्लैट फाइनेंस कराकर सोनाली के नाम किया, तब जाकर समझौता हुआ था।

भोपाल आने की जिद की
कुछ समय बाद राजेंद्र मिश्रा का ट्रांसफर भोपाल हो गया, तो सोनाली ने भी जिद करके भोपाल के रीगल होम्स में मकान नंबर ई-144 लिया। अमिताभ की सभी पोस्टिंग भोपाल से बाहर ही रहीं, इसलिए घर में उनकी मां और पत्नी ही रहती थी। मां मशरूम का बिजनेस करने लगी थी। लिहाजा उसे भी अक्सर घर से बाहर रहना पड़ता था।

IPS के साथ रंगे हाथों पकड़ा, लात-घूंसों से की पिटाई
फरवरी 2009 में अमिताभ बुरहानपुर में पदस्थ था। उसने पत्नी को वहां बुलाया, तो वह नहीं आई। तब एक दिन वह बिना बताए ही भोपाल आ गया। घर के सामने लालबत्ती की गाड़ी खड़ी थी। उसने खिड़की से झांक कर देखा, तो आईपीएस राजेंद्र मिश्रा आपत्तिजनक हालत में थे। अमिताभ ने अपना आपा खो दिया और दोनों की लात-घूंसों से पिटाई कर दी। राजेंद्र मिश्रा ने तब अमिताभ को धमकी दी थी कि, एक आईपीएस की ताकत को तुम जानते नहीं हो? बस वहीं से अमिताभ की जिंदगी ने यूटर्न ले लिया। वह अपनी पत्नी को तभी छोड़ना चाहता था, लेकिन दोनों बच्चों का भविष्य देखकर उसने माफ कर दिया। इसके फायदा मिश्रा उठाते रहे।

फिर शुरू हो गए केस पर केस लगना
इस घटना के कुछ समय बाद ही अमिताभ का ट्रांसफर बालाघाट के नक्सली क्षेत्र सुलसुली में कर दिया गया। जब वह बालाघाट में पदस्थ था, तब उस पर रिश्वत का आरोप लगाकर विभागीय जांच शुरू करा दी गई। अमिताभ के मुताबिक, उसे अखबारों के माध्यम से पता चलता है इंदौर में उसके खिलाफ 307 के दो मुकदमे दर्ज करा दिए गए हैं। वहीं सीहोर में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया गया है। बाद में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है। इसके बाद सोनाली ने अपनी मां के इलाज के नाम पर एक लाख रुपए लेकर दहेज प्रताड़ना का केस वापस ले लिया।

नौकरी मिलने से पहले ही क्राइम ब्रांच ने उठा लिया, पेशी चूकी
अमिताभ के अनुसार, ‘सरकारी नौकरी जाने के बाद मैंने इंश्योरेंस इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का काम शुरू किया। मैं लोन की डिफाल्टर गाड़ियों की इन्वेस्टिगेशन करता था। झूठे केसों से परेशान होने की वजह से 4 मई 2014 को मुझे हार्ट अटैक आया और किडनी में इन्फेक्शन हो गया। मैं अपना इलाज करा रहा था। इसी दौरान नौकरी से निकाले जाने के मामले में हाईकोर्ट में पेशी थी। यह 24 नवंबर, 2014 की बात है। लेकिन एक दिन पहले ही क्राइम बांच ने मुझे घर से उठा लिया। बिना कारण के 26 तारीख तक मुझे हिरासत में रखा जाता है। मैं हाईकोर्ट की पेशी पर नहीं जा पाया। जब मैंने क्राइम ब्रांच के एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान से इस बारे में पूछा, तो जबाव मिला कि ऊपर से आदेश है। जब मैं वहां से छूटता हूं, तो सोनाली की दोस्त मुझ पर रेप का केस क्राइम ब्रांच में दर्ज करा देती है। 7 दिसंबर को मुझे गिरफ्तार कर लिया जाता है। मुझे एक महीने जेल में रहना पड़ा। हालांकि बाद में मेडिकल रिपोर्ट में वो लड़की आदतन सेक्स की एडिक्ट पाई जाती है। उसी दौरान सोनाली मेरी 76 साल की मां की पिटाई अपने भाइयों की मदद से कराती है, जिसका गवाह मेरा 8 साल का बेटा है।’

अमिताभ आगे बताते हैं, ‘एक महीने बाद जब जेल से छूटकर आता हूं, तो हमारे बीच 7 फरवरी को तलाक के लिए स्टांप पेपर पर समझौता होता है। समझौते के अनुसार वह घर का पूरा सामान ट्रक में भरकर और नकद रुपए लेकर 28 फरवरी को चली जाती है लेकिन शिकायतों का सिलसिला फिर चल पड़ता है। उसकी नजर अब मेरी बूढ़ी मां के मकान पर लगी है, जिससे हमें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ें।’

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