इंदौर। इंदौर का TI बिक गया है, उसे C-21 ने खरीदा है। सौदा 285 करोड़ में तय हुआ है और 40 करोड़ ट्रांसफर भी कर दिए गए हैं। दीपावली तक इंदौर का TI नए रूप में दिखाई देगा।
हम बात कर रहे हैं मप्र में मॉल कल्चर की शुरूआत करने वाले 'ट्रेजर आईलैंड' जिसे देखने के लिए कभी पूरे प्रदेश के लोग इंदौर आया करते थे। इसे अब C-21 मॉल का संचालन करने वाले पिंटू छाबड़ा ने खरीद लिया है।
सौदे के अनुसार टीआई मॉल पर विभिन्न बैंकों का बकाया 150 करोड़ रुपए का ऋण भी छाबड़ा को ही चुकाना है। 40 करोड़ रुपए की पहली किस्त चुका दी गई है। सूत्रों के अनुसार ज्यों-ज्यों किस्त चुका दी जाएगी वैसे-वैसे शेयर ट्रांसफर होते रहेंगे।
पिंटू छाबड़ा के विश्वस्त ने इस सौदे की पुष्टि करते हुए बताया कि अब टीआई मॉल को नए स्वरूप में जनता के सामने पेश किया जाएगा। इसकी आंतरिक साज-सज्जा को नया रूप देने के बाद इसी साल दीपावली तक आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। मॉल का सौदा होने के बावजूद नए खरीदार इसके नाम को नहीं बदलेंगे।
सूत्रों के अनुसार मॉल का नाम टीआई ही रहेगा। गौरतलब है कि पिंटू छाबड़ा की कंपनी सी-21 ग्रुप द्वारा इंदौर, भोपाल में सी-21 मॉल का संचालन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बैंकों ने भी अपना पैसा वापस निकालने के लिए इस सौदे को सहमति दी है।
विवादों के कारण रहा चर्चाओं में
मनीष कालानी की कंपनी ट्रेजर ग्रुप के एमजी रोड पर 5.82 लाख वर्गफीट में बने इस मॉल में बिग बाजार, पेंटालून, मैक्स, पीवीआर, मल्टीप्लैक्स, मैकडोनलड्स, पिज्जा हट, रेमंड्स, प्रोवेग आदि बड़े ब्रांड के शोरूम हैं। बैंकों के लोन से लेकर नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स के मामलों में यह मॉल हमेशा उलझा रहा। बैंकों ने वसूली के लिए कुर्की के बाद नीलामी तक का इश्तेहार निकाला था।
वहीं नगर निगम भी अपने बकाया टैक्स की वसूली के लिए कई बार मॉल तक पहुंच गया था। हाल ही में यह इस लिए चर्चा में आया था कि इसे रिनोवेट करने के लिए बंद कर दिया गया, जिसके खिलाफ कुछ लोग कोर्ट भी गए और काम रुक गया।