भोपाल। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर संघ की सरपरस्ती में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों की मार्केटिंग का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों को दूसरे स्कूलों से बेहतर दिखाने के लिए 10वीं की प्राीवण्य सूची में छेड़छाड़ की गई है। कांग्रेस इस मामले में जांच की मांग कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने माध्यमिक शिक्षा मंडल, म.प्र. भोपाल द्वारा संचालित हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा वर्ष-2015 की घोषित प्रावीण्य सूची में स्थान पाने वाले बच्चों को पार्टी की ओर से बधाई देते हुए राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वह व्यापमं घोटाले का दाग धोने के लिए छोटे बच्चों की योग्यताओं पर राजनीति कर रही है।
इन बच्चों को पहले से ही बुलाकर उनके पालकों/अभिभावकों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा फोटो सेशन करवाने के प्रयास को उन्होंने इस आरोप के साथ जोड़ा है। उन्होंने यह गंभीर आरोप भी लगाया है कि मंडल द्वारा जारी विज्ञप्ति में जिन 34 विद्यार्थियों की प्रावीण्य सूची जारी की गई है, उसमें से 17 नाम सरस्वती शिशु मंदिर से संबद्ध छात्र/छात्राओं के हैं। सिर्फ 2 नाम ही शासकीय विद्यालयों के और शेष प्रायवेट स्कूलों के है और 50.21 प्रतिशत विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण किया गया है। यह अपने आप में एक अनुसंधान का विषय है?
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने कहा कि इसके पूर्व भी बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में भी प्रावीण्य सूची में आये छात्र/छात्राओं, अभिभावकों/पालकों के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा नियोजित साजिश के तहत फोटो सेशन कराकर राज्य सरकार ने व्यापमं के दाग को धोने का प्रयास किया था। एक ओर तो सुप्रीम कोर्ट निजी हितों के लिए राजनेताओं के फोटो सरकारी विज्ञापनों में प्रतिबंधित कर रहा है, दूसरी ओर मप्र के मुखिया बच्चों की योग्यताओं को अपने राजनैतिक खातों में भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्या यह न्यायोचित है?
मिश्रा ने कहा है कि आखिरकार योग्य छात्र/छात्राओं की मेहनत को राज्य सरकार और भाजपा के खाते में ड़ालने का औचित्य क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि 50.21 प्रतिशत छात्र अनुत्तीर्ण कैसे कर दिये गये, प्रावीण्य सूची में सरस्वती शिशु मंदिर से संबद्ध आधे छात्र/छात्राएं क्यों और कैसे हैं? सरकारी विद्यालयों से सिर्फ 2 ही छात्र इस प्रावीण्य सूची में स्थान पा सके। इन बिंदुओं की जांच करायी जाना चाहिए?
