व्यापमं घोटाला: क्राइम ब्रांच इंदौर भी जांच की जद में | Vyapam Scam

भोपाल। व्यापमं घोटाले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अब इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस के खिलाफ भी जांच करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शपथ पत्र में जो शिकायत की थी, उसे एसआईटी ने जांच योग्य पाया है। एसआईटी ने शिकायत के साथ दिए गए साक्ष्यों को एसटीएफ को सौंपकर घोटाले के मुख्य आरोपी नितिन महेंद्रा के कम्प्यूटर की हार्डडिस्क जब्त करने वाले इंदौर के पुलिस अफसरों से पूछताछ के निर्देश भी दिए हैं।

पूर्व सीएम ने शिकायत में आरोप लगाया है कि एसटीएफ जिस एक्सलशीट के आधार पर जांच कर रही है, वह ओरिजनल नहीं है। उन्होंने दावा किया है कि ओरिजनल एक्सलशीट से कई रसूखदारों के नाम हटाए गए हैं और कई नए नाम जो़डे गए हैं। दिग्विजय सिंह के बयान भी जल्दी ही लिए जाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक एक्सलशीट की जांच के फैसले के साथ ही व्यापमं घोटाले में नया मोड़ आ गया है। 16 फरवरी को सिंह ने शिकायत की थी कि व्यापमं घोटाले में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य उनके पास हैं। इसके आधार पर उन्होंने दावा किया था कि एसटीएफ को जांच सौंपे जाने से पहले इंदौर के पुलिस अफसरों ने अहम सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। सिंह ने घोटाले के मुख्य सरगना नितिन महेंद्रा से जब्त हार्डडिस्क के साथ टेंपरिंग करने का भी आरोप लगाया था।

बाद में पूर्व सीएम ने अपने दावों को पुख्ता करने के लिए बेंगलूर की ट्रुथ लैब की रिपोर्ट भी पेश की थी। इसमें टेंपरिंग की पुष्टि की गई थी। एसआईटी ने सारे मामले से हाईकोर्ट को अवगत कराया। फिर उसका प्राथमिक रूप से अवलोकन करने के बाद एसटीएफ को जांच के निर्देश दिए हैं। एसआईटी ने सोमवार-मंगलवार को फैसला लेने से पहले पूरे मामले पर मंथन किया। इंदौर क्राइम ब्रांच की सारी विवेचना और नितिन महेंद्रा से जब्त की गई हार्डडिस्क के तौर तरीकों का भी बारीकी से परीक्षण किया।

जांच के दायरे में क्या-क्या
हार्डडिस्क कब जब्त की। कार्रवाई में कौन-कौन शामिल थे। किसके समक्ष जब्ती हुई। पंचनामा बनाया गया या नहीं। उसे तत्काल सील किया गया या नहीं। जांच से पहले किस-किस अधिकारी ने इसका परीक्षण किया। किन-किन अफसरों को इसकी सूचना दी गई।

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