वसुंधरा वर्मा, प्रिया झा और नवीन कुमार सिंह ये तीनों ही अपना खुद का व्यापार करना चाहते थे। किसी के घर से निकलने पर बंदिश थी तो किसी की आर्थिक मजबूरी जिसकी वजह से वो घर की चारदिवारी से बाहर अपना सपना पूरा करने के लिए नहीं निकल पा रहे थे।
ऐसे में इन तीनों की ही मदद की इंटरनेट ने। आज वसुंधरा वर्मा (23 वर्ष) के व्यापार का सालाना टर्न ओवर दस लाख रुपये है। प्रिया झा और नवीन कुमार सिंह भी अपने व्यापार से अपना घर खर्च आराम से निकाल लेते हैं और घर के खर्च में मदद भी करते हैं। ये तीनों ही उदाहरण हैं इस बात का कि कैसे नौजवान अब अपने हुनर का प्रचार इंटरनेट पर करके अपने व्यापार को आगे बढ़ा रहे हैं।
वसुंधरा बताती हैं कि उन्हें घर से बाहर जाने की छूट नहीं थी। जैसे-तैसे घर वालों को मनाकर उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से फैशन में एक साल का डिप्लोमा किया। डिप्लोमा करने के बाद जब उन्होंने खुद से डिज़ाइनर कपड़े व सजावटी सामान बनाने शुरू किये तो उत्पादों को बेचना एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि उन्हें अपना बुटीक खोलने की अनुमति नहीं थी। ऐसे में वसुंधरा ने एक तरकीब निकाली उन्होंने अपने तैयार डिजाइनर कपड़ों व सजावटी सामानों की फोटो प्रमोशन फेसबुक पर करना शुरू किया। इस तरह बहुत से लोगों को उनका काम पसंद आया और फिर धीरे-धीरे उत्पादों के खरीददार भी उनसे संपर्क करने लगे। वसुंधरा कहती है, ”फेसबुक मेरी शॉप बनी। आज मैं एक साथ तीन उद्यम चला रही हूं।
नौजवान उद्यमियों का अपने व्यापार के प्रचार के लिए इंटरनेट पर विश्वास होने की वजह देश में वेबसाइट की बढ़ती लोकप्रियता से साफ ज़ाहिर है। फेसबुक के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2010 में देश में उसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.5 करोड़ थी जो महज़ तीन सालों में 2013 तक लगभग चार गुना बढ़कर 6.2 करोड़ हो गई।
मोतिहारी की रहने वाली प्रिया (25 वर्ष) परास्नातक के लिए कुछ विषयों के बनाए अपने नोट्स को इंटरनेट के जरिये बेचती हैं। प्रिया बताती है, ”मैं अपने नोट्स की कुछ बातें इंटरनेट पर अपलोड करती हूं। फिर मुझसे जुड़े या मेरे फेसबुक मित्रों से जुड़े लोगों तक यह पहुंचता है और उनकी डिमांड्स भी आती हैं। इससे मुझे घर से अपनी पढ़ाई के लिए अब पैसे नहीं लेने पड़ते।
प्रिया की तरह ही नवीन (30 वर्ष) भी अपने नोट्स इंटरनेट के ज़रिए बेचते हैं। वो पहले इग्नू के पाठ्यक्रम के अपने नोट्स बेचने के लिए अखबार में विज्ञापन निकलवाते थे, जिसके लिए उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे। लेकिन अब उनका काम इंटरनेट ने आसान कर दिया है।
क्या है इंटरनेट मार्केटिंग
फेसबुक हो या कोई भी दूसरी बेवसाइट। उसमें आपको कुछ विज्ञापन दिखाई दे ही जाते हैं। कई बार ये बड़े काम के होते हैं और आप जिज्ञासा के चलते इन पर क्लिक कर देते हैं और इसी के साथ आप सीधे उस व्यक्ति या संस्थान के पास पहुंच जाते हैं जहां पहुंचपाना बिना इंटरनेट के मुमकिन नहीं हो सकता। इस माध्यम से आपको बहुत कम कीमत में अच्छी सेवाएं या उत्पाद मिल जाते हैं। विक्रेता को भी डीलर्स की चेन नहीं बनानी पड़ती इसलिए वो आपसे ज्यादा पैसा नहीं वसूलता।
किस तरह के लोग दे सकते हैं विज्ञापन
इंटरनेट पर कोई भी व्यापारी अपने विज्ञापन दे सकता है। इसके लिए उसे थोड़ा तकनीकी ज्ञान होना चाहिए क्योंकि इंटरनेट दूसरी मीडिया की तरह नहीं है। वो विज्ञापन लेने से पहले टारगेट सेट करता है और 100 प्रतिशत रिजल्ट आरिएंटेड होता है। यदि आपके पास तकनीकी ज्ञान नहीं है तो आप विशेषज्ञों की मदद ले सकते हैं। वो बहुत थोड़ा सा सेवाशुल्क लेकर आपकी मदद करते हैं। आप इस नंबर पर भी फोन लगा सकते हैं :— 9425009392
