भोपाल। राज्य सिविल सेवा के कुल 591 पदों के लिए आयोजित हो रही परीक्षा में एमपीपीएससी द्वारा किए गए बदलाव का असर नकारात्मक हुआ है। परीक्षा देरी से आयोजन करना और वैकल्पिक विषयों की व्यवस्था समाप्त करने के कारण 2 लाख 65 हजार प्रतिभागियों ने ही आवेदन किया है। जबकि दो बार फॉर्म भरने तिथि आगे बढ़ाई गई थी। इससे पहले आयोजित हुई परीक्षाओं में हर साल 4 से 4.5 लाख प्रतिभागी शामिल होते रहे हैं। पीएससी के इस बदलाव को लेकर प्रदेशभर के प्रतिभागियों की शिकायत मुख्यमंत्री व सामान्य प्रशासन मंत्री तक पहुंची है। मंत्री ने इस बदलाव को लेकर पीएससी से जवाब-तलब किया है।
CM तक पहुंचा मामला
एमपीपीएससी ने अचानक इस बार से ही परीक्षा पेटर्न में बदलाव कर दिया, जिसका सीधा-सीधा नुकसान स्थानीय प्रतिभागियों को ही उठाना पड़ रहा है। उम्र गणना, प्रतिभागियों की अधिकतम उम्र और वैकल्पिक विषय समाप्त करने के कारण एमपीपीएससी की परीक्षा यूपीएससी की तरह अत्यधिक कठिन हो गई है। बदलाव का लाभ बाहर के प्रतिभागियों को मिल रहा है।