भोपाल। इस बार का सिविल सर्विसेज डे पिछले कई सालों की तुलना में बहुत अलग रहा। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफसरों को अफसरी सिखाई तो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को घमंडी प्रमाणित किया। इसके इतर राजस्थान में IAS अफसरों ने नेताओं के प्रेशर के खिलाफ आवाज बुलंद की।
राजनीतिक हस्तक्षेप से बार-बार तबादलों से अजीज आ चुके आईएएस अफसरों ने प्रदेश में सिविल सर्विसेज बोर्ड बनाने की मांग तेज कर दी है। राजस्थान में पहली बार सिविल सर्विसेज डे पर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों ने साथ बैठकर गुड गवर्नेंस, सिविल सर्विस की गुणवत्ता और जनता के प्रति जवाबदेही पर विचर विमर्श किया। सवाल जवाब सेशन के दौरान आईएएस अफसरों ने गिरते स्तर पर जमकर सवाल उठाए और सुझाव दिए।
समारोह में आईएएस समित शर्मा ने सिविल सेवा के अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए सिविल सर्वे बोर्ड बनाने की मांग की। शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट फैसला दे चुका है कि सिविल सेवा अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए सिविल सर्विसेज बोर्ड होगा। अफसरों ने राजनीतिक आधार पर तबादलों पर सवाल उठाते हुए सिविल सेवा अफसरों का कार्यकाल तय करने की मांग उठाई।
वरिष्ठ आईएएस अफसर जेसी महांति ने युवा और अनुभवी अफसरों के बीच संवादहीनता पर सवाल उठाए। महांति ने कहा सिविल सर्विस फोरम को सक्रिय किया जाए। आरपीए निदेशक बीएल सोनी ने जिला और तहसील स्तर पर काम करने वाले अलग-अलग विभागों के अफसरों के बीच संवादहीनता पर सवाल उठाते हुए सुझाव दिया कि छोटी जगहों के अफसरों को आपसी संवाद रखना चाहिए।
आईएएस कुंजीलाल मीणा ने दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सिविल सर्विसेज डे में राजस्थन से किसी अफसर की एंट्री नहीं भेजने का मामला उठाया। पाली कलेक्टर रोहित गुप्ता ने स्वच्छ भारत अभियान प्रजेंटेशन दिया। सवाल जवाब सेशन के दौरान एसीएस राकेश वर्मा और अशोक संपतराम ने जवाब दिए।