सीहोर जिले की बुदनी तहसील के लकड़ी के खिलौनों की धूम पर्यटन की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भी है। कुशाभाऊ ठाकरे हाल में प्रदेश के चुनिंदा हस्तशिल्प की प्रदर्शनी में बुदनी के खिलौने भी शामिल किए गए हैं। स्टॉल में मौजूद खिलौने के कलाकार ने बताया कि बुदनी के ये उत्पाद दुबई में भी धूम मचा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि टूरिज्म विभाग द्वारा प्रदेश की हस्तकला को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान प्रदर्शित करने की पहल की जा रही है । मिंटो हॉल में रिस्पांसिबल टूरिज्म पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं आईसीआरटी अवार्ड समारोह के अवसर पर प्रदेश के हस्त कला शिल्पियों के स्टॉल लगाए गए हैं ।
बुधनी के लकड़ी के खिलौने के प्रोपराइटर श्री विनोद शर्मा ने बताया कि यह खिलौने दुधी की लकड़ी से बनाए जाते हैं। यह लकड़ी बुधनी क्षेत्र के फारेस्ट में पाई जाती है। वन विभाग द्वारा कुछ राशि के टोकन पर माह जनवरी से जून तक उपलब्ध कराई जाती है। श्री शर्मा कहना है कि दूधी की लकड़ी का पेड़ में से जितनी लकड़ी काटी जाती है वह फिर से शीघ्र पनप जाती है और इनका उपयोग न होने पर खराब हो जाती है।
श्री शर्मा ने बताया कि बुधनी के लगभग 200 से 250 विश्वकर्मा परिवार इस कार्य में लगे हुए है और उनकी रोजी रोटी का यह एक मात्र साधन है। इन खिलौनों को लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। देश के बड़े – बड़े शहरों में शासन के सहयोग से विक्रय किया जाता है। रविदास हस्तशिल्प निगम द्वारा दुबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हस्तकला बाजार में भी इन खिलौनों की खरीददारी की गई है।
प्रमुख स्टॉलों में बुदनी के लकड़ी के खिलौने, टेराकोटा धमना, छतरपुर, लौहशिल्प बसारी छतरपुर, बैलमेटल शिल्प बैतूल, तोरनिया हस्तशिल्प झाबुआ, काशा शिल्प मेटल सतना, बुंदेली पेंटिंग ओरछा, राग भोपाली भोपाल, लाख की चूड़िया स्व-सहायता समूह बागली, बाइरा बूमेन आदिवासी हस्तशिल्प अलीराजपुर की प्रदर्शनी लगाई गई हैं जो 8 से 10 सितंबर तक आमजन के विक्रय के लिए खुली रहेंगी।
