विश्वास सारंग। श्री दिग्विजय सिंह को चाहिए की वह दूषित व घृणित राजनैतिक षडयंत्रों से दूर होकर जनता के विषय पर राजनीति करें, जिससे जनता में उनकी छवि सुधरेगी। श्री दिग्विजय सिंह भ्रम की राजनीति करने में महारत हासिल कर चुके है और जिससे वे एक के बाद एक शगूफा छोडकर जनता में भ्रम का वातावरण पैदा करने का असफल प्रयास कर रहे है।
प्रदेश में व्यापमं घोटाले को लेकर एसटीएफ अपना काम बखूबी कर रही है। कांग्रेस अपने संगठन में ही विश्वास के संकट से जूझ रहीं है इसलिए श्री दिग्विजय सिंह हर महीने प्रदेश में आकर आरोप प्रत्यारोप करके अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे है।
श्री दिग्विजय सिंह का आरोप प्रत्यारोप करना शगल बन चुका है। प्रदेश की जनता श्री दिग्विजय सिंह को गंभीरता से नही लेती इसलिए खबरों में बने रहने के लिए नित नए शगूफाबाजी करते रहते है।
श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाकर समूल नष्ट करने का कार्य किया है। श्री दिग्विजय सिंह प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के लगातार मिल रहे जनसमर्थन और कांग्रेस के लगातार गिर रहे ग्राफ से खुद को नहीं बचा पा रहे है, इसलिए घबराहट में भ्रामक और निराधार बयानबाजी कर जनता की आंखों में धूल झौंकने का काम कर रहे है।
श्री दिग्विजय सिंह प्रदेश में कभी विकास के मुद्दे पर बात नहीं करते क्योंकि उन्हें विकास की समझ ही नहीं है। मुख्यमंत्री रहते उन्होंने मध्यप्रदेश का विकास तो दूर, लोगों से बुनियादी सुविधाएं तक छीन ली थी। दिग्विजय सिंह अक्सर उलजलूल बयानों से देश का सौहार्द बिगाड़ने और खुद सुर्खियों में बने रहना चाहते है।
प्रदेश की जनता जानती है कि जो आरोप ये लगा रहे है इनकी जांच के लिए स्वविवेक से भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने ही पहल की है। ऐसे में यदि नतीजो की प्रतीक्षा किये बगैर कांग्रेस जो कोशिश कर रही है उसका मंतव्य प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी की जन हितेषी कार्य से जनता का ध्यान हटाना है।
- लेखक श्री विश्वास सारंग भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक हैं।
