नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस को अगले दो महीनों में दिल्ली के सभी थानों में सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए।
शिकायतकर्ता, खासतौर पर महिलाओं से पुलिस स्टेशन में पुलिस वालों के रवैये पर निगरानी रखने के लिए चीफ जस्टिस एचएल दत्तु और जस्टिस एसए बोबदे ने ऐसा करने का निर्देश दिया. उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सख्त हिदायत दी कि वह ये सुनिश्चित करेंगे कि दिए गए समय में सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगे या नहीं।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि पुलिस कमिश्नर जो रिपोर्ट फाइल करेंगे उसमें मौजूदा समय में लगे सीसीटीवी, उनमें से कितने ठीक हैं और चल रहे हैं इस बात की जानकारी भी दें. कोर्ट ने कहा, 'पुलिस हलफनामा दायर करे और हमें बताए कि सीसीटीवी लगे या नहीं. अगर कैमरे लग गए हैं तो उनमें से कितनों ने काम करना शुरू कर दिया है. कमिश्नर की रिपोर्ट में ये सारी जानकारी होनी चाहिए.' इस निर्देश के साथ ही बेंच ने अगली सुनवाई 11 मई की दी.
ये आदेश साल 2014 में एक महिला वकील के साथ थाने में पुलिसवालों की बदसलूकी के बाद दिया गया है. इसकी शिकायत एक अन्य महिला वकील महालक्ष्मी पवानी ने की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इसपर संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. बुधवार को एक वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लुथरा दिल्ली पुलिस के लिए वहां पेश हुए और सभी सुझावों को स्वीकार किया, जिसे देखते हुए बेंच ने इस मामले की जांच को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंप दिया.
कोर्ट ने स्पेशल सेल को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा और घटना से जुड़े सभी लोगों ओर पुलिस वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए. पुलिस को अगली सुनवाई पर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी होगी.
