RTO घोटाला: परिवहन आयुक्त का आफिस भी जांच की जद में

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट से खुल रहीं आरटीओ घोटाले की लपटें अब पूरे के पूरे परिवहन विभाग की ओर बढ़ रहीं हैं। जांच के दौरान परिवहन आयुक्त, ग्वालियर का आफिस भी संदेह की जद में आ गया है। बताया गया है कि पूरा खेल ही ग्वालियर से संचालित हो रहा है। गिरफ्तार आरडी दक्ष इस नेटवर्क में अच्छा काम कर रहे थे, इसलिए फरवरी में उन्हे मण्डला का भी चार्ज दे दिया गया था। 

बालाघाट के क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय में चोरी के वाहन रजिस्ट्रेशन करने के मामले में प्रभारी क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी रामदास दक्ष के लगभग 15 लाख 50 हजार 331 रूपये नगदी पकडाये जाने तथा बरामद रकम का तथा बरामद की गई रकम के संबंध में पुलिस को कोई समाधान कारक जवाब ना देने से प्रकरण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की परिधि में आ चुका है तो दूसरी तरफ फर्जी कागजतों के आधार पर वाहनों के पंजीकरण करने के मामलों के खुलासा होने पूरे प्रदेश में परिवहन महकमे में खलबली मच गई है। 

परिवहन विभाग ग्वालीयर के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर ग्वालियर में भी फर्जी परमिट का खेल चला है तथा इस मामले की जांच के आदेश हो चुके है लेकिन मामले को रफादफा करने का सिलसिला चलो हो चुका है।

परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार कम्प्यूटराइज होने से पहले चोरी के वाहन का पंजीयन करने में आसानी होती थी चूंकि अभी भी कई राज्यों में रजिस्टेशन का काम कम्प्यूटराइज नही किया गया है। 

इन्ही कारगुजारियों में आरटीओ आरडी दक्ष शामिल हो गये और एंजेटों के माध्यम से रकम लेकर वाहनों के पंजीयन करने का काम किया है
बताते है कि आरटीओ आरडी दक्ष आरटीआई रहते हुये कई चेक पोस्टों पर तैनात रहे है और इंदौर में भी कई बैनामी संपत्ति बनाई है।

ग्वालियर में भी फर्जी परमिट का मामला जांच में लिया गया है लेकिन अभी तक जांच अधिकारी को संबंधित मामलों की फाईले उपलब्ध नही कराई गई है। 

जानकार सूत्रों के अनुसार टैपों के मात्र 734 परमिट जारी किये गये थे इसके बाद टैपों के परमिट जारी किये जाने पर रोक लगा दी गई थी। 734 टैपों की संख्या सिमित होने के बाद भी इससे कई गुना तादात में टैपों का संचालन किया जा रहा है। इसकी जांच के लिये आरटीओ ने शहर में परमिटधारी टैपो के नंबर सहित एक सूची टैफिक पुलिस के भेजी गई।

उक्त सूची मिलने के बाद जब टैपों की चेकिंग की गई तो 66 टैपों ऐसे पाये गये जिनके सूची में नंबर नही थे लेकिन उनके पर परमिट था।

फर्जी रजिस्टेशन मामला उजागर होने के बाद बालाघाट जिले में लगभग 1200 वाहनों के भौतिक सत्यापन करने के लिये जिले के प्रत्येक थाना क्षेत्र में वाहनों की जांच कर कागजातों के आधार पर उनका सत्यापन कराये जाने की चलाई जारही मुहिम के चलते अनेक संदिग्ध वाहन पाये गये है जिनका बारिकी से सत्यापन इसी सिलसिले में बैहर एसडीओपी ने बिरसा में चैकिंग के दौरान एक टैक्टर पकडा है जिसका रजिस्टेशन फर्जी पाया गया है। 

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