ग्वालियर। 13 महीने से एसआईटी जिस फर्जी डॉक्टर की तलाश में लगी थी आखिरकार वह फरीदाबाद मे ठेकेदारी करता मिला ही गया। एसआईटी ने बुधवार को 5 हजार के इनामी 2010 बैच के छात्र संदीप लहारिया की गिरफ्तार करने का दावा किया है। इसने 5 लाख रुपए देकर रैकेट के सरगना डॉ. विशाल यादव के जरिए सॉल्वर बैठाकर पीएमटी में सिलेक्शन कराया था।
एसआईटी प्रभारी (एएसपी) वीरेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि 13 महीने से फरार जीआरएमसी के 2010 बैच के छात्र संदीप लहारिया की तलाश थी। उसके बारे में पता लगा था कि उसने डॉ.दीपक यादव व डॉ.विशाल यादव के गिरोह के जरिए सॉल्वर बैठाकर सिलेक्शन कराया था। अभी हाल ही में एसआईटी को पता लगा कि फर्जी छात्र फरीदाबाद में अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर ठेकेदारी कर रहा है। जिसके बाद दबिश देकर उसे हिरासत में लिया गया।
5 लाख रुपए दिए थे विशाल यादव को
संदीप ने एसआईटी को पूछताछ में बताया कि उसने जीआरएसी में एडमिशन के लिए डॉ.विशाल यादव को 5 लाख रुपए दिए थे। विशाल ने ही उसके लिए वर्ष 2010 में सॉल्वर का इंतजाम किया था। एसआईटी पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसने रैकेट को देने के लिए रुपयों का इंतजाम कहां से किया था।
हत्या के मामले में भी रहा है आरोपी
पकड़े गए फर्जी छात्र संदीप के बारे में पता लगा है कि वह एक हत्या व हत्या के प्रयास के मामले में भी आरोपी रह चुका है। जिस कारण कुछ साल तक वह जेल में रहा है। 13 महीने पहले संदेही छात्रों की सूची में नाम आने पर पुलिस ने उसे पकड़ा था। पर उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद कुछ नई धाराएं बढ़ाने के बाद से पुलिस को उसकी तलाश फिर से थी।