अभिषेक पाण्डेय। विज्ञापन बुक करना और उसे अखबार, इलेक्ट्रॉनिक चैनल या फिर वेबसाइट्स जैसे माध्यम में पहुंचाने का काम आपकी काबिलियत और सही प्लानिंग से कम पूंजी शुरू होने वाला बेहतर स्वारोजगार है।
सूचना के इस युग में आज विज्ञापन जरूरी है, ऐसे में कई माध्यम विज्ञापनों के लिए तरसते रहते, तरक्की के लिए छोटे-बड़े विज्ञापनों का मोहताज है। इन माध्यमों की इस जरूरत को पूरा करते हैं स्पेस सैलर, यानी विज्ञापन एजेंट या रिप्रजेंटेटिव। आप भी विज्ञापन रिप्रेजेंटेटिव बन सकते हैं। इसमें कम पढ़े-लिखे या छोटे शहरों और कस्बों के बेरोजगार भी अपना कॅरिअर बना सकते हैं।
कई ऐसे स्वारोजगार है, जिनके बारे में कम ही लोग जानते है। विज्ञापन बुकिंग करना और प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों तक इन विज्ञापनों को पहंुचाने का काम कमाई का अच्छा जरिया है। यह काम छोटे शहर के युवा भी आसानी से कर सकते हैं, बशर्तें वहां के लोकल माध्यमों के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। अखबारों को अगर आप ध्यान से पढ़ते हैं तो उनमें छपे विज्ञापनों को भी जरूर देखा होगा। रोजाना हजारों विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित होते हैं। इसी तरह जब भी आप टेलीविजन पर कोई प्रोग्राम देखते हैं तो कमर्शियल ब्रेक आते रहते हैं। जब कभी आप किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो अपने आप ही विज्ञापन की कोई न कोई पॉप-अप साइट खुल कर आ जाती है? विज्ञापन के इस संसार में विज्ञापन प्रतिनिधि या विज्ञापन एजेंट या विज्ञापन रिप्रेजेंटेटिव बनकर आप इस क्षेत्र में बुलंदी छू सकते हैं।
कैसे करें शुरुआत
विज्ञापन रिप्रेजेंटेटिव बनने के लिए दो रास्ते हैं या तो आप किसी माध्यम से जुड़कर सेलरी या कमीशन पर काम करें या तो आप ऐसे कई माध्यमों के लिए खुद की एड एजेंसी खोलकर फ्रीलांस के तौर पर शुरू कर सकते हैं। लगभग साढ़े तेरह हजार करोड़ की इस इंडस्ट्री में रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ये संभावनाएं इसलिए भी ज्यादा हैं, क्योंकि अखबारों और चैनलों की सारी दुनिया विज्ञापनों पर ही चलती है। आप में विज्ञापन लाने की काबिलियत है तो आप इस मार्केट में धूम मचा सकते हैं।
एड बुकिंग सेंटर खोलें
अगर आप मैट्रो सिटी में हैं तब तो आपको यह जानकारी हासिल करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी कि एड की दुनिया में आने के लिए क्या करना है, लेकिन यदि आप छोटे शहरों में रहते हैं, तब भी आप इस काम को आसानी से कर सकते हैं। छोटे शहरों में एड बुकिग के लिए छोटे-छोटे ऑफिस देखे होंगे। इन ऑफिसों में अखबारों और चैनल के लिए विज्ञापनों की बुकिग की जाती है। विज्ञापन के ये छोटे-छोटे बुकिग ऑफिस मुख्य अखबारों और विज्ञापनदाताओं के बीच मीडिएटर का काम करते हैं। आप अपने शहर में इस तरह के विज्ञापन बुकिंग सेंटर खोल सकते हैं, इसके लिए आप बस उस क्षेत्र के माध्यम जैसे अखबार, लोकल रेडियों प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स से बात करें, उनके विज्ञापन रेट और मिलने वाले कमीशन आदि के बारे में पहले से तय कर लें। इसके बाद इनके लिए आप विज्ञापन एजेंसी के तौर पर
काम करना शुरू कर दें। आप अपने शहर की छोटे-बड़े विज्ञापनदाताओं की सूची बना लें और इनकी जरूरतों के अनुसार विज्ञापन बुक कर सकते हैं।
छोटे शहरों में भी संभावनाएं
अखबार की खबरों को ध्यान से देखें तो आपको मालूम होगा कि आज का अखबार लगातार स्थानीय मुद्दों को महत्व दे रहा है, यानी वह छोटे शहरों और कस्बों के पाठकों को टारगेट कर रहा है। इस बात को विज्ञापन देने वाली कंपनियां भी समझती हैं। यदि उन्हें अपने उत्पाद छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में बेचने हैं तो उन्हें ऐसे ही अखबारों और चैनलों को टारगेट करना होगा, जो स्थानीय स्तर पर मौजूद हों। विज्ञापन एजेंसी के फील्ड में आप एक बार सफल होने लगे तो फिर आपको बुलंदियां छूने से कोई नहीं रोक सकता। नहीं तो फिर भी आप अपना जीवन तो आराम से चला ही सकते हैं।
योग्यता
विज्ञापन की दुनिया में काम करने के लिए एक तरफ जहां एमबीए की पढ़ाई जरूरी है, वहीं आपकी कम्युनिकेशन फ्ल्यूएंट होनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि 12वीं पढ़े छात्र इस क्षेत्र में काम नहीं कर सकते। जिन लोगों ने एमबीए नहीं किया है, लेकिन उनके कॉन्टेक्ट अच्छे हैं, वे भी इस फील्ड में अपना भाग्य आजमा सकते हैं। 12वीं के बाद कई क्रैश कोर्स और ट्रेनिग इत्यादि भी चलती हैं, लेकिन ये छोटे शहरों में अधिक कारगर हैं। यदि आप सतना, छिंदवाड़ा, रतलाम, विदिशा, जबलपुर जैसे शहरों से ताल्लुक रखते हैं तो आपके लिए ये क्रैश कोर्स मददगार साबित होंगे। अपनी एजेंसी खोलने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप किन लोगों की मदद ले सकते हैं या आपके पास उन लोगों की लिस्ट होनी चाहिए, जिनको प्रभावित करके आप विज्ञापन ला सकें या फिर मंगवा सकें।
स्किल्स
-फ्रीलांसर के तौर पर अगर आपकी प्राथमिकता अखबार हैं तो सबसे पहले देखिए कि अखबारों में किस तरह के विज्ञापन छप रहे हैं, कौन-सी कंपनियां विज्ञापन दे रही हैं, उनके ऑफिस आपके शहरों में कहां हैं, विज्ञापन देने का काम उन कंपनियों में कौन देख रहा है। उनके टेलीफोन नंबर आदि का रिकॉर्ड अपने पास रखिए।
-आप कुछ अखबारों के लिए क्लाइंट के पास जाकर विज्ञापन मांग सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपके अंदर दूसरे को प्रभावित करने का हुनर होना बहुत जरूरी है।
-जिस अखबार के लिए आप विज्ञापन मांगने जा रहे हैं, आपके इलाके में उसका सरकूलेशन कितना है, ऐसी जानकारियां भी आपको होनी चाहिए। ये चीजें विज्ञापन लाने में मदद करती हैं।
-अच्छे संपर्क बनाना, चीजों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी होना, बातचीत में निपुण होना कुछ ऐसे गुण हैं, जो इस पेशे में आपकी मदद कर सकते हैं।
संभावनाएं
आप चैनल, न्यूजपेपर्स, मैगजीन में बतौर मार्केटिग मैनेजर, मार्केटिग एक्जीक्यूटिव, फ्रीलांसर और स्पेस सैलर के रूप में काम कर सकते हैं। ऑनलाइन या वेब मीडिया में स्पेस सैलर के लिए अपार संभावनाएं है। आप अपनी खुद की वनमैन कंपनी रन कर सकते हैं। एक साथ कई माध्यमों में आप कॉन्ट्रेक्ट बेस पर काम कर सकते हैं।
किसी एड एजेंसी में जॉब कर सकते हैं। आपके कॉन्टेक्ट हैं तो आप एक साथ चैनल और पेपर के लिए काम कर सकते हैं।
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