ग्वालियर। स्कूल में आरटीई के तहत प्रवेश मिला है या नहीं, स्कूल प्रबंधन अपनी मर्जी से फीस में वृद्घि तो नहीं कर रहे हैं, आदि शैक्षणिक मामलों में अब 250 नोडल ऑफिसर अपनी नजर रखेंगे। प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के सही क्रियान्वयन व कलेक्टर के आदेश का समय-समय पर पालन कराने के लिए 250 नोडल ऑफिसर को इन स्कूलों की जिम्मेदारी सौंप गई है। जल्द ही ये नोडल ऑफिसर अपने-अपने स्कूलों की बैठक प्रबंधन के साथ करेंगे।
ये रहेंगे दायित्व
आरटीई एक्ट का पालन एवं आरटीई के तहत प्रवेश सुनिश्चित कराना।
कलेक्टर द्वारा समय-समय पर जारी आदेश का पालन कराना।
संबंधित स्कूल से जुड़ी हर जानकारी एकत्रित कर उसका रिकॉर्ड तैयार करना।
फीस वृद्घि, ट्रांसर्पोटेशन के मामलों में अभिभावक, प्रबंधन की बीच बैठक का विवरण लेना।
ये होंगे ऑफिसर
जिले में 1200 से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं। इसमें सीबीएसई, आईसीएसई और एमपीबोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल शामिल हैं।
इन स्कूलों की निगरानी के लिए बनाए गए नोडल ऑफिसरों में प्राचार्य, बीईओ, बीआरसी, व्याख्याता शामिल हैं।
हर नोडल ऑफिसर के पास 4 से 5 स्कूलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ये होगी सुविधा
प्राइवेट स्कूल के किसी भी तरह के मामले में इन नोडल ऑफिसर से ही आला अधिकारी संपर्क करेंगे।
माना किसी स्कूल में बच्चों को प्रवेश नहीं देने का मामला आता है तो संबंधित नोडल ऑफिसर को ही इस स्कूल में आगे की कार्रवाई करनी होगी। साथ ही इसकी रिपोर्ट डीईओ, डीपीसी सहित कलेक्टर को सौंपनी होगी।
इनका कहना
प्राइवेट स्कूल में आरटीई एक्ट, कलेक्टर के आदेश आदि का पालन कराने व स्कूलों से जुड़े अन्य मामलों के लिए 250 नोडल ऑफिसर को नियुक्त किया गया है।
संजीव शर्मा, डीपीसी ग्वालियर।
