जबलपुर। आईटीआई की तरफ बढ़े छात्रों के रुझान का प्राइवेट कॉलेज पूरा फायदा उठा रहे हैं। फीस फिक्स नहीं होने से प्राइवेट कॉलेज सालाना प्रति स्टूडेंट से 20 हजार से 1 लाख रुपए तक फीस वसूल रहे हैं।
जबकि सरकारी कॉलेजों में यह फीस महज 1 हजार रुपए है। इसके बावजूद प्राइवेट कॉलेजों की मनमर्जी की फीस के इस खेल पर सरकार कोई ऐक्शन नहीं ले रही है। जबकि डायरेक्ट्रेट जनरल एम्पलॉयमेंट एंड ट्रेनिंग (डीजीईटी) प्रदेश सरकारों को आईटीआई की फीस फिक्स करने के निर्देश दे चुकी है।
डिमांड है इसलिए खुल रहे कॉलेज
इंजीनियरिंग से अधिक आईटीआई की डिमांड बनी हुई है। यही वजह है कि कई इंजीनियरिंग कॉलेजों ने अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर का डबल यूज करते हुए आईटीआई खोल ली है। स्टूडेंट खोजने के लिए कॉलेजों को परेशान नहीं होना पड़ता। वहीं इंजीनियरिंग में पिछले 3 साल से रुझान कम हुआ है। कई कॉलेजों में आधी सीट भी नहीं भर पाई। वहीं आईटीआई में कई ट्रेड में मनमानी फीस देकर भी स्टूडेंट एडमिशन लेने के लिए तैयार हैं।
फिक्स करने से क्यों ऐतराज
संचालनालय कौशल विकास ने डीजीईटी के निर्देश को कौशल विकास मंत्री उमाशंकर गुप्ता के पास भी भेजा था। जहां इस मामले की फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। निजी आईटीआई में एडमिशन और फीस को लेकर अभी कोई सख्ती नहीं है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद सीधे कॉलेज एडमिशन दे रहे हैं। वहीं इंजीनियरिंग और ज्यादातर टेक्निकल कोर्स में ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए एडमिशन होता है। फीस भी तय होती है।
फिक्स हुई तो ये है फीस स्ट्रक्चर
ग्रामीण क्षेत्र के संस्थान-
15 हजार रुपए साल के इंजीनियरिंग ट्रेंड
12 हजार रुपए नॉन इंजीनियरिंग ट्रेंड
शहरी क्षेत्र के संस्थान-
इंजीनियरिंग ट्रेंड -16500
नॉन इंजीनियरिंग ट्रेंड- 13200
इंजीनियरिंग ट्रेंड- सिविल, सर्वेयर, ग्राइंडर, मशीनिस्ट, मैकेनिकल, ड्रॉफ्टमैन, इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स, रेडियो टीवी, मोटर मैकेनिक।
नॉन इंजीनियरिंग ट्रेंड- मोल्डर, स्टेनों हिंदी-अंग्रेजी टाइपिंग, प्रिटिंग, कार पेंटर,लेदर हुड्स।
सरकारी कॉलेजों में 1 हजार है सालाना फीस
निजी कॉलेजों में फीस कोई फिक्स नहीं है। एक ही कोर्स के लिए किसी संस्थान में 20 हजार साल ली जाती है। दूसरे कॉलेज में उसी कोर्स की 80 हजार से 1 लाख तक फीस चार्ज होती है। जबकि सरकारी कॉलेज में एक साल की फीस 1 हजार और दो साल के कोर्स की फीस 2 हजार रुपए फिक्स है। संचालनालय कौशल विकास ने प्रशिक्षण शुल्क के नाम पर यही फीस रखी हुई है।
स्टार ग्रेडिंग तो 20 फीसद एक्स्ट्रा फीस
डीजीईटी ने अपने निर्देश में स्टॉर रेटिंग वाले संस्थानों को 20 फीसदी फीस एक्स्ट्रा बढ़ाने की छूट दी हुई है। इसमें फोर स्टार और फाइव स्टार होना जरूरी है। इसके अलावा शासन अपने स्तर पर 10 फीसदी फीस भी बढ़ा सकती है।
फैक्ट फाइल
21 आईटीआई कॉलेज जबलपुर में
250 प्राइवेट आईटीआई कॉलेज प्रदेश में
210 गवर्नमेंट आईटीआई कॉलेज प्रदेश में
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अभी प्रदेश में आईटीआई संस्थान की ज्यादा जरूरत है। पीपीपी मोड में संस्थान खोलने की योजना लागू की गई है। इसलिए फीस तय करने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।
उमाशंकर गुप्ता, उच्च शिक्षा तकनीकी एवं कौशल विकास मंत्री
