अनिल के अंकुर/लखनऊ। यूपी के जिन पुलिसवालों पर आम आदमी और पर बहू-बेटियों की सुरक्षा को जिम्मा है, लेकिन उनमे से कई खुद मर्यादा लांघकर महकमें को बदनाम करने में जुट गये हैं। पुलिस वाले इन दिनों इश्क लडाने में मश्गूल हैं। रंगीनियों का चढ़ता बुखार खाकी की छवि को शर्मसार कर रहा है। यह स्थिति यूपी की राजधानी लखनऊ की ही नहीं बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश की है।
राजधानी में हुई ये छह घटनाऐं ही इन दागदार पुलिसकर्मियों की हकीकत बयां करने के लिए काफी है, वैसे तो इससे पहले भी कई दागादार खाकी वाले वर्दी की छवि धूमिल कर चुके हैं। आधा दर्जन घटनाओं से साफ है कि खाकी पहनकर लोगों की सुरक्षा का भार उठाने वाले पुलिसकर्मी पुलिसिंग छोड़ हर फन में माहिर हैं।
कभी किसी वर्दी वाले ने महिला के हाथ पर आई लव यू लिखकर प्रेम का इजहार किया तो कोई पीड़ित महिला की मदद करने के बहाने उसकी अस्मत पर डाका डालने का प्रयास किया। दरअसल राजधानी में तैनात कुछ दागदार पुलिसकर्मियों और अपराध का नाता काफी पुराना है। चंद दागी पुलिसकर्मियों के करतूत की वजह से पूरे पुलिस महकमें पर समय-समय पर सवाल उठते रहे। नतीजा अपराध की बेल पुलिस महकमें को जकड़ती जा रही है।
कानून-व्यवस्था बनाये रखने और अपराध तथा अपराधियों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी भूल कर कुछ दागी खाकी वाले बस इसी काम में ही रूचि ले रहे हैं, नतीजन उन्हें न तो निलंबन की परवाह है और न ही नौकरी जाने की। लिहाजा दार्शायी गई घटना ने साफ कर दिया है कि जुगाड़ के चलते थानेदारी पाने वाले पुलिसकर्मियों में कार्रवाई का खौफ नहीं है।
लखनऊ के डीआईजी आरके चतुर्वेदी कहते हैं- जिस पुलिसकर्मी ने लापरवाही की और विभाग को बदनाम करने की कोशिश की उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा। दोषी पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही कर जेल भी भेजा जायेगा।
घटना नं0 1
राजधानी के माल में 11 जुलाई 2012 को एक महिला फरियाद लेकर थाने पर गई और वहां पर तैनात दरोगा कामता प्रसाद पीड़िता की मदद करने के बहाने अपने कमरे पर ले गया और उसकी अस्मत पर डाका डालने की कोशिश किया। दरोगा की हरतक सुनते ही पुलिस अफसर जागे और आरोपी दरोगा को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया।
घटना नं0 2
राजधानी के सरोजनीनगर में 17 अक्टूबर 2012 को दो दरोगाओं पर एक महिला ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप।
घटना नं0 3
1 अक्टूबर 2013 को पुलिस लाइंस में तैनात आरआइ निरीक्षक कुलभूषण ओझा पर महिला आरक्षी ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया। जांच में दोषी पाये जाने पर निलंबित हुए।
घटना नं0 4
दो सितंबर 2013 को ट्रांसगोमती क्षेत्र के विभूतिखंड थाने पर तत्कालीन एसओ पंकज सिंह पर एक महिला आरक्षी ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया,थाने का भार छीना गया।
घटना नं0 5
2013 में अलीगंज थाने की कमान संभाल रहे तत्कालीन एसओ तौफीक अहमद पर एक महिला आरक्षी ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप, तो लाइन हाजिर हुए।
घटना नं0 6
5 अप्रैल 2015- मानकनगर में तैनात एसओ राजेश कुमार यादव एक युवती के हाथ पर आइ लव यू कहने के बाद बदसलूकी की। जांच के बाद मामला सही पाये जाने पर एसएसपी ने किया लाइन हाजिर।
जुगाड़ की तैनाती के चलते बेखौफ हैं दारोगाजी
मर्यादा लांघने पर कई पुलिसकर्मियों पर गिर चुकी है गाज
अधिकारियों के खास होने से थानेदारों में नहीं कार्रवाई का खौफ
पुलिसिंग छोड़ दागदार पुलिसकर्मियों पर चढ़ रहा इश्क का बुखार
किसी नें आई-लव-यू कह किया प्रेम का इजहार तो किसी ने मदद के बहाने की छेड़छाड़